दर्दनाक! कोयला खदान में फंसे 14 मजदूर अभी भी लापता

शिलोंग। मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में बाढ़ के पानी से भरी एक कोयला खदान में 14 मजदूर एक सप्ताह से फंसे हुए हैं और बचावकर्मी 370 फुट गहरे कोयला खदान के भीतर बढ़ते जलस्तर से जूझ रहे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। मेघालय मानवाधिकार आयोग (एमएचआरसी) ने अवैध खदान के भीतर फंसे मजदूरों के लिए मुआवजा जारी करने वाली राज्य सरकार के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया है।

यहां से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थित लुमथरी खदान स्थल पर बचाव अभियान की देखरेख कर रहे सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का डर है, क्योंकि पास की लीटीन नाले का पानी खदान में घुस रहा है।

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “कोई चमत्कार ही इन मजदूरों का बचा सकता है। हम में से किसी को नहीं पता कि मजदूर कहां हैं। उन्हें जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन और भोजन की जरूरत है।”

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए सोनार प्रणाली और पानी के नीचे वाले कैमरा का इस्तेमाल किया है। हालांकि खराब दृश्यता के कारण प्रणाली मुख्य कुएं में फंसे मजदूरों में से किसी का भी पता लगाने में विफल रही है।

कोल इंडिया लिमिटेड के विशेषज्ञों, भूवैज्ञानिकों ने स्थल का दौरा किया है।

मेघालय पुलिस ने नरवान गांव से कोयला खदान के मालिक जरिन उर्फ क्रिप चुलेट को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि अवैध खदान गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है।

एमएचआरसी के सचिव अल्डौस मॉवलोंग ने कहा, “राज्य मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले की जांच कराने के लिए मुख्य सचिव वाई. त्सेरिंग को नोटिस जारी किया है और 30 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य आयोग के समक्ष दाखिल करने को कहा है।”

एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह ने आईएएनएस को बताया, “हम फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हम सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

एनडीआरएफ के 72, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 23 और आग व आपातकाल सेवा के पांच सदस्य मौके पर तैनात हैं।

सिंह ने कहा, “हमें संदेह है कि मजदूर कोयला खदान के बराबर स्थित खनन कक्ष में फंसे हुए हैं। खराब दृश्यता के कारण यह पता लगाना मुश्किल है कि खदान में कितने कक्ष हैं।”

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पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान की रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं और खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम की धारा 21 (1) के तहत खदान मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने वादा किया कि अवैध खनन में संलिप्त लोगों के खिलाफ उचित समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन हमारे लिए अस्वीकार्य है।

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