भाजपा का ये फैसला कहीं जीत पर भारी न पड़ जाए, इन 5 सासंदो ने पार्टी को दी चेतावनी…

रायपुर। आगामी चुनावों को देखते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को परास्त करने के लिए क्षेत्रीय दलों से लगातार गठबंधन करते नजर आ रहे हैं।

केंद्र की सत्ता में विराजमान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी आम चुनाव को देखते हुए अपने प्रतिद्वंदियों को कमजोर करने की रणनीति तैयार कर रही है। इसके लिए पार्टी अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर रही है। इसी क्रम में पार्टी ने झारखंड में भी गठबंधन किया है।

हालांकि, उसके इस फैसले से बीजेपी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ताओं में रोष उत्पन्न हो गया है। यही नहीं उसके वरिष्ठ नेता और गिरिडीह से पांच बार के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने तो साफ शब्दों में पार्टी को चेतावनी दे डाली है कि फैसला बदलिए वरना परिणाम अच्छे नही होंगे।

दरअसल, बीजेपी ने हाल में झारखंड की ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) से गठबंधन किया है। इसके तहत पार्टी ने गिरिडीह सीट छोड़ दी है। अब इस सीट से एजेएसयू अध्यक्ष सुदेश महतो चुनाव लड़ेंगे।

ऐसे में सीट से वर्तमान सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रवींद्र पांडेय नाराज हो गए हैं। चूंकि अब वह अपनी परंपरागत सीट से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। यही वजह है कि उन्होंने पार्टी को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है।

पांडेय ने कहा, ‘पार्टी ने मुझे छोड़ दिया। मेरी वफादारी का मुझे यह इनाम मिल है। इसका बुरा असर पड़ेगा। मैंने मीडिया के माध्यम से बीजेपी से अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा है, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है।’

बता दें कि बीजेपी ने 9 मार्च को इस गठबंधन का ऐलान किया था। इसके तहत राज्य की 14 में से 13 सीटों पर बीजेपी और एक पर एसजेयू लड़ेगी। पहले एसजेयू ने गिरिडीह के साथ-साथ हजारीबाग सीट भी मांगी थी। हालांकि, बाद में उसे एक ही सीट से संतोष करना पड़ा।

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आपको बता दें कि गिरिडीह रवींद्र पांडेय का गढ़ माना जाता है। इस सीट से वह पांच बार सांसद चुने गये हैं। इलाके में उनकी खासी पकड़ मानी जाती है।

बीजेपी के इस फैसले से पांडेय और उनके समर्थकों में खासा रोष हैं। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में पांडेय ने 3.91 लाख वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगन्नाथ महतो ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी।

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