भाजपा और एआईएडीएम के बीच सीट शेयरिंग फार्मूले पर बनी बात

भाजपा और एआईडीएमके के बीच हुई महीनों की बातचीत के बाद आखिरकार दोनों पार्टियां चुनाव पूर्व गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। गुरुवार रात को दोनों पार्टियों में राज्य की 40 लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ने की बात बन गई है। दोनों के बीच 25-15 सीटों के फॉर्मूले पर बात बन गई है। इसमें पुडुच्चेरी की एक सीट भी शामिल है। दोनों पार्टियां छोटी पार्टियों को अपने हिस्से में से सीटें देने पर राजी हो गई हैं।

भाजपा और एआईएडीएम

एक सूत्र जो मुख्यमंत्री इडापड्डी के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ चली तीन घंटे तक की बैठक का साक्षी रहा है उसने कहा भाजपा को अपनी 25 सीटों में से आठ सीटें मिल सकती हैं। उसने 4 सीटें पीएमके और तीन डीएमडीके के लिए छोड़ी हैं। वहीं एआईडीएमके को टीएमसी के जीके वासन, एन रंगस्वामी और पीटी के कृष्णास्वामी के लिए एक-एक सीट छोड़नी पड़ेगी।

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हालांकि सभी छोटी पार्टियां चुनाव नहीं लड़ेंगी। इससे पहले ऐसी चर्चाएं थीं कि भाजपा और एआईएडीएमके के बीच ऐसा कोई गठबंधन बन सकता है। एआईएडीएमके के मंत्री पी थंगमनी और एसपी वेलुमनी ने चेन्नई में उद्योगपति पोल्लाची एम महालिंगम के घर पर हुई बैठक में हिस्सा लिया था। सूत्र ने कहा, ‘सभी पार्टियां तैयार हैं और हम एक महागठबंधन कर सकते हैं। जैसा कि भाजपा ने साल 2014 में नहीं किया था।’

एक सूत्र ने कहा, ‘व्यक्तिगत पार्टी के लिए सीट का निर्णय उसके संबंधित कोटा से होगा। बैठक का दूसरा दौर अगले हफ्ते होगा जिसमें कि सभी छोटे-मोटे मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा ताकि इस गठबंधन का औपचारिक एलान हो सके। हो सकता है कि कुछ घटक दलों को सीटें न मिले।’ मीडिया की नजरों से बचने के लिए पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम बैठक स्थल पर पहुंचे।

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बैठक के बाद पोन राधाकृष्णन और तमिलसाईं दोपहर 1 बजे हवाई अड्डे के लिए निकल गए थे। थंगमनी और लेवुमानी भी उसी समय वहां से चले गए। वहीं पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी काफी देर तक बैठक स्थल पर रुके रहे। अंदरुनी लोगों का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच कुछ छोटे-मोटे मुद्दे हैं। एआईएडीएमके भाजपा के साथ सीधे बातचीत करेगी क्योंकि उसका वोट बैंक भाजपा से बड़ा है।

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