बढ़ गयीं पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मुश्किलें, दर्ज हुआ भ्रष्टाचार का मामला

एक तरफ जहाँ पाकिस्तान अपनी हरकतों से सुधरने का नाम नहीं ले रहा है, वहीँ दूसरी तरफ उसकी मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. हाल फिलहाल में पाक के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज  हुआ है.

जो उनके लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है. यी मामला उनकी नाम से चल रही एक निजी कंपनी से जुड़ा हुआ है. कंपनी पर जरदारी और उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी का मालिकाना हक था.

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नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने 1989 में एक सहयोगी की मदद से अवैध तरीके से कराची की रियल इस्टेट कंपनी पार्क लेन इस्टेट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड खरीदी थी.

जरदारी और बिलावल 2009 में कंपनी के शेयरधारक बन गए. एनएबी ने दावा किया कि कंपनी को फर्जी बैंक खातों के माध्यम से अरबों रुपये हस्तांतरित किये गए.

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कंपनी ने जरदारी के राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बैंकों से अरबों रुपये का लोन भी लिया. देश की पहली महिल प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के 63 वर्षीय पति को एनएबी के अधिकारियों ने एक जुलाई को पार्क लेन मामले में गिरफ्तार किया था.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा फर्जी खाता मामले में गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी खारिज किये जाने के बाद से वह 10 जून से ही एनएबी की हिरासत में थे.

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में एनएबी (NAB) ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि आसिफ अली जरदारी पैराथन नाम से एक फेक फ्रंट कंपनी चला रहे थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाक लेन प्रॉपर्टीज में वे खाताधारक भी हैं.

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