फिल्मी किरदारों की तरह जीता था ‘कानपुर वाला’ विकास दुबे, बात-बात पर बोलता था यह डायलॉग

उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहना वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने सभी पर अपना सितम ढाया। जिस पर भी अपनी नजर डालता उसे बरबाद कर ही छोड़ता था। जांच के दौरान पता चला कि विकास दुबे मानसिर रूप से बिमार था। वह स्प्लिट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर नाम के मनोरोग का शिकार था। इस मानसिक रोग से पीड़ित विकास दुबे ने 8 पुलिसकर्मियों का खून किया। ऐसा बताया जाता है कि वह फिल्मी किरदारों से काफी प्रभावित था जिसे वह असल जिंदगी में भी उतारना चाहता था। पुलिस की पूछताछ में विकास के एक गुर्गे ने बताया कि वह अर्जुन पंडित, वेलकम, शोले और बाहुबली जैसी तमाम फिल्मों के विलन की कॉपी असल जिंदगी में किया करता।

गौरतलब है कि पिछले साल विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस की एक चीम ने बिकरू गांव में दबिश दी थी। वहीं विकास को पुलिस के बविश देने की खबर मिल गई थी लेकिन बावजूद इसके वह फरार नहीं हुआ। उसने वहीं रुक पुलिस को सबक सीखाने का फैसला लिया। बता दें कि जैसे ही पुलिस की टीम गांव में दाखिल हुई वैसे ही विकास समते उसके गुर्गों ने पुलिस पर फायरिंग करना शुरु कर दिया। विकास के गुर्गों द्वारा की गई फायरिंग में 8 पुलिस कर्मियों की मौत हुई वहीं 6 बुरी तरह से घायल हुए।

विकास दुबे को पुलिस ने कई बार पकड़ा लेकिन वह हर बार पुलिस के हाथों से निकल जाता। पुलिस ने जब विकास के एक गुर्गे से पूछा तो उसने बताया कि अर्जुन पंडित से प्रभावित हो उसने अपना नाम पंडित रख दिया था। साथ ही बताया कि पूरे इलाके में जब उसे लोग पंडित जी कह कर बुलाते तो वह काफी खुश हो जाता था। विकास की गैंग में शामिल एक गुर्गे ने बताया कि वह कभी- कभी अपने साथियों के बीच गब्बर जैसा व्यवहार किया करता। विकास अधिकतर शोले का एक यही डॉयलॉग दोहराता रहता ‘जो डर गया समझो मर गया’। विकास को दंबग लोगों की कहानियां सुनना व उसे असल जिंदगी में उतारना अच्छा लगता था।

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