फारूक अब्दुल्ला ने इस अनोखे ढंग से चुनावी रैली को किया संबोधित, देखें तस्वीर

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने वीरवार को पार्टी नेताओं और समर्थकों के साथ विश्व प्रसिद्ध डल झील में शिकारा रैली निकाली। इसमें बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज लोगों में जागरूकता आई है और उन्हें पता लग गया है कि अगर हम वोट नहीं डालेंगे तो हमारा भविष्य नहीं सुधर पाएगा।

फारूक अब्दुल्ला

उन्होंने यह कहा कि अगर दिल्ली हमारे पर गुलामी थोपना चाहती है तो जो हालात यहां बनेंगे उन्हें वह नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। घाटी में पहले चरण के मतदान के दौरान लोगों का इस प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि आज ये सिर्फ  जम्मू कश्मीर का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश का मामला है। चाहे यह हिंदुस्तान बने या सेक्युलर हिंदुस्तान, लेकिन अगर आज यह लोग बायकाट के बावजूद वोट डालने निकले हैं तो यह लोग सेक्युलर हिंदुस्तान के लिए निकले हैं ताकि वहां पर मुसलमान, हिंदू, सिख, ईसाई या बौध धर्म के रहने वाले लोग रह सकें।

डॉ. फारूक ने कहा, यह इलेक्शन इसलिए भी है कि क्या हम लोग इन कट्टरपंथियों का मुकाबला कर सकेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि लोगों में जागरूकता आई है, उन्हें पता चल चुका है कि अगर वोट नहीं देंगे तो वह अपनी किस्मत नहीं बदल सकते। डॉ. फारूक के अनुसार इस वोट से न सिर्फ  हम अपनी बल्कि सारे वतन की तकदीर बदल सकते हैं।

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वहीं श्रीनगर शहर में नेकां, पीसी आदि दलों के बैनर व झंडियां हटाने और भाजपा की नहीं हटाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आप लोग भी जानते हैं कि जो यहां के राज्यपाल हैं वो लोगों के नहीं, भाजपा के हैं। डॉ. फारूक ने कहा कि उनको पता भी नहीं होता है, दिल्ली से आर्डर आता है सड़क बंद कर दो और राजनाथ सिंह ने तो वो साबित भी कर दिया कि यह उनका आर्डर है। उन्होंने कहा कि इन्हें यह याद रखना चाहिए कि हम उनके गुलाम नहीं हैं और अगर यह अपनी गुलामी हम पर ठोंकना चाहते हैं तो यह याद रखें कि जो फिर यहां होगा उसे वह कंट्रोल नहीं कर सकते।

पुलवामा हमले के बाद पर्यटन क्षेत्र को पहुंचे नुकसान को लेकर डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इसके पीछे एक कारण नेगेटिव पब्लिसिटी है और साथ ही जो दिल्ली की सरकार का एक रियासत का गवर्नर था उसकी ओर से भी एक बयान आया जो हमारे हक में नहीं था। उन्होंने कहा कि वो कट्टरपंथी है और आरएसएस का आदमी है, जिसके द्वारा कहा गया था कि कश्मीर मत जाओ, अमरनाथ यात्रा के लिए नहीं जाओ और यहां की कोई चीज न खरीदो। डॉ. फारूक ने कहा कि ऐसी इनकी सोच है, लेकिन रिज्क देने वाला खुदा है, यह लोग बंद नहीं कर सकते। मुझे उम्मीद है कि लोग आएंगे क्योंकि ऐसी जन्नत दुनिया में और कहीं नहीं मिल सकती। दुनिया मैं घूमा हूं, मगर कश्मीर जैसी जगह मैंने नहीं देखी।

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