अब फल और सब्जियों का निर्यात करेगा काशी, ज्वाद चखेगी पूरा दुनिया

अब दुनिया के और देश भी ले सकेंगे भारत के फल और सब्जियों का जायजा। बनारसी लंगड़ा आम, गाजीपुर का परवल व हरी मिर्च और जौनपुर की मूली का स्वाद अब दुनिया नहीं भूल पाएगी। अब काशी बनेगी फल और सब्जियों का निर्यात का हब। काशी के आस-पास ही जिलों में पैकेजिंग हाउस व लैब स्थापित की जाएगी। जिसमें करीब चार से पांच करोड़ का खर्च भी आएगा।

फल और सब्जियों

पैकेजिंग हाउस आदि के लिए प्रशासन ने जमीन मुहैया कराने की बात कही। निर्यात संवर्धन, इसमें आने वाली दिक्कतों को दूर करने और इंटीग्रेटेड प्लान को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को आयुक्त सभागार में बैठक हुई।

इसकी अध्यक्षता कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) के अध्यक्ष पवन कुमार बरठाकुर ने की। बैठक में महाराष्ट्र, बिहार और स्थानीय निर्यातकों के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

इस दौरान भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी गई। बताया गया कि बनारस, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली और संतकबीर नगर क्षेत्र में विदेशियों की पसंदीदा सब्जियां व फ ल होते हैं। वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश से 277.98 करोड़ रुपये के फ ल और सब्जी का निर्यात हुआ।

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कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस में चार-पांच वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ा है। निर्यात में इसका लाभ मिलेगा। निर्यात संबंधी वस्तुएं और साधन उपलब्ध हैं, इनके लिंकेज पर काम करने की जरूरत है। फल-सब्जी का निर्यात किसानों की आय दोगुनी करने व देश की इकॉनामी पांच ट्रिलियन डॉलर करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हवाई अड्डा का 250 एकड़ में एक हजार करोड़ की लागत से विस्तार और पास ही एग्रो प्रोसेसिंग पार्क से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में संयुक्त सचिव वाणिज्य विभाग केशव चंद्रा, निदेशक मंडी समिति जेपी सिंह, सीडीओ गौरांग राठी, एडीआरएम उत्तर रेलवे वाराणसी रवि प्रकाश चतुर्वेदी, स्टेशन निदेशक आनंद मोहन सिंह में भी मौजूद रहे।

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