
देहरादून। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर अधिकारियों के अवकाश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आपदा प्रबंधन एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा के दरम्यान जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपरिहार्य कारणों को छोड़ अभी किसी भी अधिकारी का अवकाश स्वीकृत न किया जाए।
आपदा को देखते हुए अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने को भी कहा। इस दौरान पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण सड़क बाधित होने की संभावना को देखते हुए 47 गर्भवती महिलाओं का उनकी डिलीवरी डेट के अनुसार ऐहतियातन पूर्व में ही अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था कर दी गई है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से आपदा प्रबंधन व कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि भारी बारिश के चलते आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने बंद सड़कों को शीघ्र खुलवाने, सभी जिलों में पानी, बिजली, दवा व खाद्यान्न की व्यवस्था सुचारू रखने, बदरीनाथ राजमार्ग के लामबगड़ में बंद रहने के कारण वहां ठहरे यात्रियों के लिए भोजन व रहने की व्यवस्था करने, नदियों को पार करने के लिए लगाई ट्रॉलियों में सुरक्षा के जरूरी इंतजाम करने के साथ ही ट्रॉलियों के प्रयोग में लाइफ जैकेट का उपयोग अनिवार्य करने, गैरसैंण में नदी में बहने से मृत महिला के परिजनों को चार लाख की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को जिलों में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने हरिद्वार पुलिस को शुक्रवार को रुड़की के निकट हुए दोहरे हत्याकांड के अपराधियों की शीघ्र धरपकड़ के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने पंचेश्वर बांध की जनसुनवाई ठीक से करने के निर्देश पिथौरागढ़ व चंपावत जिला प्रशासन को दिए। इस मौके पर प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, डॉ.उमाकांत पंवार, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।