पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बडगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकी किए ढेर

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराया। जिसमें से एक आतंकी देहरादून में रहकर पढ़ाई करता था। मारे गए आतंकियों में एक आतंकी संगठन के लिए युवाओं की भर्ती में महत्वपूर्ण निभाता था। दोनों से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस दस्तावेज के मुताबिक दोनों आतंकवादी हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए थे। दोनों कई आतंकवादी अपराधों में शामिल थे।
पुलवामा में आतंकी

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बडगाम जिले में चाडूरा के गोपालपोरा इलाके में सूचना के आधार पर मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को सेना की 50 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), सीआरपीएफ और एसओजी ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।

घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें दो आतंकी मारे गए। जिले के एसएसपी आमोद नागपुरी ने बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान हिलाल अहमद वानी और शोएब मोहम्मद लोन उर्फ  मुरसी के रूप में हुई है।

सितंबर 2018 में मामला सामने आया था। यह लड़का स्थानीय कॉलेज में पढ़ता था। पुलिस ने अपनी इंटेलिजेंस जांच की रिपोर्ट मिलिट्री को सौंप दी थी। इसके बाद से उस लड़के का कोई पता नहीं था। न वह उसके बाद कभी देहरादून आया।

परीक्षा देने के बाद घर गया तो लौटकर नहीं आया

जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बना 22 साल का शोएब अहमद लोन देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र स्थित एक इंस्टीट्यूट में बीएससी आईटी तृतीय वर्ष का छात्र था। वह जनवरी 2018 में परीक्षा देने के बाद घर गया तो लौटकर नहीं आया था। इंस्टीट्यूट ने शोएब के घर वालों को उसके गैरहाजिर होने के संबंध में पत्र भेजा। तब उसके घर वालों ने तलाश शुरू की।

इसी बीच सोशल मीडिया पर शोएब की आतंकियों की वेशभूषा में फोटो और वीडियो वायरल हो गई। जिसके बाद सेना और पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से संपर्क भी किया था।

2015 में देहरादून आया था शोएब

जानकारी के मुताबिक शोएब वर्ष 2015 में देहरादून आया था और तब से यहीं पढ़ाई कर रहा था। जनवरी 2018 में तृतीय वर्ष की परीक्षा देने के बाद वह छुट्टी लेकर घर चला गया। जिसके बाद वह देहरादून नहीं लौटा। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ज्वाइन करने वाले शोएब को संगठन ने मुरसी भाई नाम दिया था।

फरवरी 2018 से शोएब की गुमशुदगी और फिर फेसबुक पर एके-47 से लैस उसकी एक फोटो के आधार पर यह मामला पुलिस तक पहुंचा था। तब एडीजी अशोक कुमार ने शोएब मोहम्मद लोन के गायब होने की पुष्टि की थी। शोएब की मां ने ही जम्मू-पुलिस को सूचना दी थी कि शोएब आतंकी संगठन में शामिल हो गया है।

दानिश की फोटो एक आतंकी के जनाजे के साथ दिखी थी

यह कोई पहला वाकया नहीं है, जब देहरादून में पढ़ रहे कश्मीर के युवा ने आतंक की राह चुनी। 2017 जून में कश्मीर में दानिश नाम का आतंकी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ा तो पता चला कि वह भी दून में पढ़ाई कर रहा था।
बता दें कि मई 2017 में परीक्षा बीच में छोड़ गायब हुए श्रीनगर के छात्र दानिश की तलाश दून पुलिस भी कर रही थी। तभी दानिश की फोटो एक आतंकी के जनाजे के साथ दिखी तो वहां पढ़ रहे उसके दोस्त उसे पहचान गए थे।

बीएससी आईटी और सर्टिफाइड एथिकल हैकर था

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में शोएब ने खुद को बीएससी आईटी और सर्टिफाइड एथिकल हैकर (सीईएच) बताया था। ऑर्गेनाइजेशन में उसके एक्टिव होने की तारीख 20 सितंबर 2018 अंकित थी।

संदिग्ध छात्र शोएब जम्मू कश्मीर के एक ऐसे जिले का रहने वाला है, जो आतंकी गतिविधियों से अत्याधिक प्रभावित है। छात्र देहरादून में प्रेमनगर स्थित एक इंस्टीट्यूट में बीएससी आईटी तृतीय वर्ष में पढ़ रहा था।

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