लखनऊ के पिकप भवन में लगी आग, साजिश या हादसा

गोमतीनगर स्थित पिकप भवन में बुधवार शाम लगी भीषण आग से औद्योगिक विकास विभाग, यूपीएसआईडीसी, वन विभाग, एड्स कंट्रोल विभाग समेत कई दफ्तर जलकर राख हो गए। दफ्तरों में रखीं कई महत्वपूर्ण फाइलें भी जलकर नष्ट हो गईं हैं। आग के पीछे शार्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। विभिन्न फायर स्टेशनों की गाड़ियों की मदद से करीब तीन घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका।

पिकप भवन

पिकप भवन के सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि शाम सवा सात बजे ए-ब्लॉक के द्वितीय तल पर स्थित औद्योगिक विकास विभाग कार्यालय में अधिकारी एनके सिंह के चैंबर से धुआं उठता दिखा। इससे पहले कोई कुछ कर पाता, लपटें निकलने लगीं। कुछ ही देर में लपटों ने तीसरी मंजिल के यूपीएसआईडीसी व वन विभाग तथा चौथी मंजिल पर एड्स कंट्रोल विभाग के दफ्तर को अपनी चपेट में ले लिया।

वहीं, पुलिस का कहना है इन्हीं तीनों मंजिलों पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूपीएसएससी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल, पिकअप भवन के लीगल डिपार्टमेंट के दफ्तर भी हैं। आग से यहां कितना नुकसान हुआ है इसका पता दफ्तरों में फैले धुएं के कारण नहीं चल पाया है

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हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मंगाने में हुई देरी 
भवन पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की सूचना पर गोमतीनगर, इंदिरानगर व हजरतगंज फायर स्टेशन से कई वाहन मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का काम शुरू किया। वहीं ऊंचाई तक पानी न पहुंच पाने पर हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मंगाया गया। इसे मौके पर पहुंचने में करीब एक घंटे का समय लग गया और आग विकराल हो गई। हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से रात करीब 10 बजे के आसपास आग पर काबू पाया गया। मौके पर पहुंचे चीफ फायर अफसर विजय कुमार सिंह ने बताया कि अग्निकांड में किसी व्यक्ति के जलने या झुलसने की सूचना नहीं है।

सीएम ने 48 घंटे में तलब की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निकांड को गंभीरता से लेते हुए एडीजी इंटेलीजेंस एसपी शिरोडकर, यूपीएसआईडीसी के संयुक्त प्रबंध निदेशक पीके पांडे और लखनऊ के चीफ फायर अफसर विजय कुमार सिंह की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। यह कमेटी आग लगने के कारणों के अलावा हादसे की जिम्मेदारी भी तय करेगी।

 

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