नेहरू के साथ पैदा होने वाली महिला की मौत, 129 साल थी उम्र

मॉसको। दुनिया की सबसे बुजुर्ग मानी जाने वाली महिला की 129 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई। रूस में स्वीकृत पेंशन रिकॉर्ड के अनुसार, स्टालिन के दमन को दौर को देखने वाली कोकु इस्ताम्बुलोवा इस साल जून में 130 साल की होने वाली थीं। अधिकारियों के अनुसार, पिछले महीने रूसी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज महिला से भी अधिक समय तक वह जिंदा रहीं, जिसकी 128 वर्ष की आयु में मौत हुई थी।

पिछले साल कोकू उस वक्त सुर्खियों में आ गई थीं, जब उन्होंने कहा था कि अपनी जिंदगी का एक भी दिन उन्होंने खुशी से नहीं बिताया। उनके पोते इलियास ने कहा कि वह रविवार 27 जनवरी को चेचन्या में अपने गांव के घर में हमेशा की तरह रह रही थीं।

वह मजाक कर रही थी और बात कर रही थीं। तभीं उन्हें अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया, जिसने बताया कि उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया था और इसके लिए इंजेक्शन लगाए गए थे। फिर भी वह उसे बचाने में विफल रहे।

इलियास ने बताया कि शांत तरीके से पूरी तरह से होश में और प्रार्थना करते हुए उनका निधन हो गया। कोकू को उनके गांव ब्रात्स्को में दफनाया गया है। उनक पांच पोते और 16 पर पोते-पोतियों हैं। वह मुस्लिम महिला थीं, जो आखिरी जार निकोलस II की ताज पोशी से पहले पैदा हुई थीं। रूसी पासपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सोवियत संघ को विघटित होते हुए देखा है।

उनकी जन्म तिथि 1 जून 1889 को होने का दावा किया गया है, जब रानी विक्टोरिया ब्रिटेन के सिंहासन पर राज कर रही थीं। मगर, उसके पासपोर्ट ने उसके जन्म का केवल साल लिखा गया था और उसमें जन्म की तारीख और महीना नहीं दिया गया था। पिछले साल कोकू ने भावुक होकर 75 साल पहले कजाकिस्तान में स्टालिन के दमन के काल में चेचन के रहने वालों पर की गई ज्यातियों के बारे में बताया था।

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कोकू ने कहा था कि लोगों को मवेशी-ट्रक गाड़ियों और ट्रेन में मारा गया था और उनके शवों को भूखे कुत्तों के खाने के लिए गाड़ियों से बाहर फेंक दिया गया। अगर कोकू की उम्र को सही माना जाए, तो वह उस वक्त 54 साल की रही होंगी। उन्होंने बताया कि फरवरी 1944 का वह बुरा दिन था। जब पूरे देश वासियों को ट्रांस-काकेशस में अपनी मातृभूमि से निकाल दिया गया था।

हमें एक ट्रेन में डाल दिया गया और ले कहीं ले जाया जा रहा था। मगर, कोई नहीं जानता था कि वे कहां जा रहे हैं। रेलवे की गाड़ियां लोगों से भरी हुई थीं, हर जगह गंदगी, कूड़ा-करकट, मलमूत्र था।

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