
नई दिल्ली | नमामि गंगे अभियान के कार्यान्वयन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (ईएससी) ने आज 400 करोड़ (लगभग) रुपये की विभिन्न परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है।
नमामि गंगे देश के विभिन्न राज्यों में होगी प्रभावी –
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी तक घाटों और श्मशान घाटों का विकास 26 करोड़ रुपये की लागत से सुमारी, तिलवाड़ा, सिल्ली, और त्रिवेणी घाटों में किया जाएगा।
कानपुर में घाटों और शमशान घाटों को 47.39 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
इलाहाबाद में घाटों और शमशान घाटों का विकास 88.03 करोड़ रुपये की लागत से प्रारंभ किया जाएगा।
कानपुर शहर के सीसामउ और अन्य नालों के अवरोधन और प्रवाह में 63.80 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में रामगंगा पर बिजनौर में घाट और शमशान घाटों के विकास में 12.19 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बिहार के कहलगांव में सार्वजनिक सुविधाओं/शमशान घाटों/नदी के अग्रणी क्षेत्रों के विकास सहित घाटों के आधुनिकीकरण/नए निर्माण पर 23.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएगें।
झारखंड के साहिबगंज से राजमहल के खंड में घाटों और शमशान घाटों के विकास पर 42.26 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पश्चिम बंगाल में भतपारा और नैहाटी में विद्युत शमशानगृह के निर्माण और उन्नयन पर 6.26 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
14 घाटों और पांच शमशान गृहों के विकास के लिए उत्तर प्रदेश में बिठूर में नदी के अग्रणी क्षेत्रों में विकास गतिविधियों पर 70.11 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।