देशभर में हिंसक प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए जामिया के 50 छात्र रिहा

असम और पूर्वांचल के राज्यों के साथ-साथ अब दिल्ली में भी नागरिकता कानून की विरोध की लपटें बढ़ने लगी हैं. दिल्ली के जामिया इलाके में बिल के विरोध में जमकर हिंसा औऱ आगजनी हुई प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी. पुलिस ने माहौल को ठीक करने के लिए लाठीचार्ज किए और आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन प्रदर्शनकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. पुलिस ने उन लोगों को कैंपस के बाहर निकाल दिया जो माहौल को गंदा कर रहे थे या विरोध को बढ़ा रहे थे.

देशभर में हिंसक प्रदर्शन

उधर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की. पुलिस के विरोध में रात 9 बजे से पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जामिया और जेएनयू के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए. पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन तड़के साढ़े चार बजे तक चला. इसके बाद छात्र पुलिस हेडक्वार्टर से रवाना हुए.

वहीं, इस घटना पर राजनीति भी जमकर शुरू हो गई. कांग्रेस ने रात 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया. रात 12 बजे के करीब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे. वहीं, जामिया में हुई झड़प में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

इसके अलावा होली फैमिली अस्पताल में कुल 51 छात्र भर्ती कराए गए थे. जिनमें से 41 छात्रों को मामूली उपचार के बाद वापस भेज दिया गया है. जबकि 10 अन्य छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं.

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