केजरीवाल ने अभी से ही साधा दिल्ली विधानसभा चुनाव पर निशाना, चली यह सियासी चाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव का एलान अभी बेशक नहीं हुआ है लेकिन केजरीवाल सरकार पूरी तरह चुनावी मोड में है। बृहस्पतिवार को अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने का एलान इस दिशा में बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है।

दिल्ली विधानसभा

दिल्ली विधानसभा के चुनाव में अभी लगभग पांच माह का वक्त है। दिसंबर के आखिर तक चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। फरवरी 2020 में नई विधानसभा अस्तित्व में आ जाएगी। लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) के रणनीतिकारों का एक तबका मान रहा है कि विधानसभा चुनाव नियत समय से पहले हो सकते हैं। इनकी दलील है कि चुनाव आयोग हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ अक्तूबर में ही दिल्ली में चुनाव करवा सकता है। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली सरकार के पास एक महीने का वक्त भी नहीं बचा है।

दिल्ली चुनाव को अपने अस्तित्व की सियासी लड़ाई मान रही आप व उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल इसकी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए केजरीवाल लगातार बड़ी आबादी पर असर डालने वाली योजनाओं का एलान कर रहे हैं। बीते दो माह में केजरीवाल ने पांच बड़ी योजनाएं घोषित कर चुके हैं।  माना जा रहा है कि लोकलुभावन योजनाओं के सहारे केजरीवाल दिल्लीवालों को अपने हक में लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं।

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केजरीवाल ने अपने रुख में भी लाई है नरमी

लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त अरविंद केजरीवाल ने अपने रुख में भी नरमी लाई है। लोकसभा चुनाव से पहले बीते करीब साढ़े चार वर्षों तक केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करने वाले केजरीवाल बातचीत में भी नरमी बरत रहे हैं। यहां तक कि हर योजना घोषित करने के बाद वह मोदी सरकार को धन्यवाद देने में भी नहीं चूकते। केजरीवाल ने एक सवाल के जवाब में माना कि हमारा मकसद कभी भी किसी से झगड़ा करना नहीं रहा है। हमारा मानना है कि केंद्र सरकार के साथ सहयोग से दिल्ली का विकास हो सकता है।

मैथिली के लिए आयोजित कार्यक्रम में रजिस्ट्री की चर्चा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार शाम को पूर्वांचल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आप विधायकों से कहा कि रजिस्ट्री खुलने का सबसे बड़ा फायदा पूर्वांचल वासियों को होने जा रहा है। बड़ी आबादी को इससे अपने मकान पर मालिकाना हक मिल जाएगा। जबकि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जनहित के कार्यों में भी विपक्ष का विरोध कर रहा है। दिचलस्प यह कि जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोल रहे थे, वह पिछले दिनों घोषित मैथिली भाषा को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की दिल्ली सरकार की योजना के लिए मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के लिए आयोजित था।

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लोकसभा चुनाव के बाद घोषित पांच बड़ी योजनाएं
. दिल्ली की 1797 अनिधकृत कालोनियों का नियमित करना।
. दिल्ली मेट्रो व डीटीसी में महिलाओं का सफर होगा मुफ्त
. मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त धार्मिक यात्रा करना।
. दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों का जाल।
. मैथिली की सरकारी स्कूलों में वैकल्पिक भाषा के तौर पर होगी पढ़ाई। भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग।

 

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