आपको अपनी उत्कृष्ट खूबसूरती में बांध देगा ‘त्सोंगमो झील’, जानें इसकी खासियत

ऊँचाई पर स्थित झीलों की मोहक खूबसूरती की बात ही कुछ अलग होती है। यहाँ पहुँचने वाले पर्यटकों के लिए ये ऐसे दृश्य का निर्माण करते हैं जहाँ की खूबसूरती निहार पर्यटक पूरी तरह से उसी में समा जाते हैं। झील के चारों तरफ धुंध से ढका वातावरण, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ और ठण्ड से कंपकंपाता मौसम पर्यटकों के उत्साह में और वृद्धि करता है। ऐसे ही खूबसूरत दृश्यों से भरा पूरा है ऊंचाई पर स्थित, त्सोंगमो झील जो आपको अपनी उत्कृष्ट खूबसूरती में बांध देगा। जी हाँ यहाँ हम बात कर रहे हैं सिक्किम के त्सोंगमो झील की जो गंगटोक के नज़दीक ही स्थित है।

आपको अपनी उत्कृष्ट खूबसूरती में बांध देगा 'त्सोंगमो झील', जानें इसकी खासियत

त्सोंगमो झील सिक्किम पर्यटन के दिलचस्प आकर्षणों में से एक है। यह सिक्किम के पूर्वी सिक्किम जिले में स्थित है। इस जल स्रोत के चारों ओर बसा वातावरण का सुरम्य दृश्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। लगभग 3753 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जल स्रोत में पानी पास ही स्थित हिमानी (ग्लेशियर) से आकर जमा होता है।

आपको अपनी उत्कृष्ट खूबसूरती में बांध देगा ‘त्सोंगमो झील’, जानें इसकी खासियत

ठण्ड के मौसम में जहाँ इसका पानी पूरी तरह से बर्फ के रूप में जम जाता है वहीं गर्मी के मौसम में यह खिले हुए फूलों से घिरा होता है। यह झील कई प्रवासी पक्षियों का भी वास स्थल है। चलिए आज हम चलते हैं सिक्किम के इसी खूबसूरती की झलक को देखने।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

त्सोंगमो झील को यहाँ चंगू झील के नाम से भी जाना जाता है।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

झील की सतह अलग-अलग मौसम में अलग-अलग रंगों को दर्शाती है। इसलिए सिक्किम के मूल निवासियों के तौर पर यह एक पवित्र झील के रूप में माना जाता है।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

त्सोंगमो झील को गुरु पूर्णिमा के शुभ उत्सव के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। लोगों का मानना है कि इस झील का पानी औषधीय गुणों से भरा-पूरा है।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

झील के चारों ओर स्थित अल्पाइन जंगल कई अलग अलग प्रजाति के पक्षियों का वास स्थल हैं।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

आप झील के पास ही याक जिसे गँवाई भाषा में सुरागाय कहते हैं, की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। यह आपका अपना एक अलग ही तरह का खास अनुभव होगा। इन सारी विशेषताओं के साथ यह झील एक दिलचस्प जगह का निर्माण करता है।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

आप हर बार जब भी अलग-अलग मौसम में इस झील की यात्रा पर जायेंगे, झील का रंग बदला हुआ पाएंगे। इस झील की खास विशेषता यह है कि भारतीय डाक सेवा ने वर्ष 2006 में इस झील को समर्पित एक टिकट जारी किया था।

त्सोंगमो झील की कुछ दिलचस्प बातें

आमतौर पर आप त्सोंगमो झील की यात्रा, नाथुला पास की यात्रा के दौरान भी कर सकते हैं। यह झील गंगटोक-नाथुला हाईवे पर ही, गंगटोक से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

नाथुला दर्रे की एक सैर

आप अपनी इस यात्रा में सबसे पहले नाथुला दर्रे की यात्रा भी कर सकते हैं और उसके बाद वापस लौटते हुए त्सोंगमो झील की यात्रा। नाथुला दर्रा,सिक्किम और चीन के अधीन तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र की सीमा पर एक पहाड़ी पास है।

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नाथुला दर्रे की एक सैर

गंगटोक से नाथुला दर्रा की यात्रा भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली यात्रा है। यात्रा के दौरान रास्ते में ही आप रुकमणी प्रपात और कई अन्य ऊंचाई पर स्थित झीलों के भी नज़ारे का आनंद ले सकते हैं।

नाथुला दर्रे की एक सैर

नाथुला दर्रा वास्तव में आपकी आँखों को सुकून पहुँचाने वाले दृश्य का निर्माण करता है, बर्फ से ढकी चोटियां,कोहरे से ढका परिदृश्य और चारों तरफ अल्पाइन जंगल के खूबसूरत नज़ारे, सच में पूरी प्रकृति एक साथ यहीं पर खूबसूरती का सुंदर दृश्य प्रदर्शित करती है।

नाथुला दर्रे की एक सैर

नाथुला दर्रे के मार्ग पर ही स्थित बाबा हरभजन सिंह मेमोरियल मंदिर यहाँ के मुख्य आकर्षणों में से एक है, जिसे बाबा हरभजन सिंह, भारतीय जवान की याद में बनवाया गया था। बाबा हरभजन सिंह भारतीय सैनिक थे जिन्होंने सीमा पर अपनी सेवा के दौरान जान गँवाई।

नाथुला दर्रे की एक सैर

ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के बाद वे अपने दोस्त के सपने में आये और उन्हें एक मंदिर बनाने को कहा। जिसके बाद यह मंदिर उनके स्मृति चिन्ह के रूप में बनवाया गया। मंदिर के परिसर में शिव जी की भव्य मूर्ति के साथ एक शिव मंदिर भी स्थित है।

नाथुला दर्रे की एक सैर

बाबा हरभजन सिंह मंदिर की यात्रा के दौरान आप इसके पास ही स्थित एलीफैंट झील की सैर भी कर सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि इन सारेआकर्षणों की सैर करते हुए आप सिक्किम के मनोरम दृश्य के भरपूर मज़े ले पाएंगे।

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त्सोंगमो झील और नाथुला दर्रा पहुँचें कैसे?

त्सोंगमो झील और नाथुला दर्रा सिक्किम के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। त्सोंगमो झील, सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर और वहीं नाथुला दर्रा गंगटोक से केवल 57 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।

त्सोंगमो झील और नाथुला दर्रा पहुँचें कैसे?

त्सोंगमो झील, गंगटोक-नाथुला हाईवे पर ही स्थित है। आपके लिए अच्छा होगा कि आप गंगटोक से कोई निजी गाड़ी बुक करके इन सौन्दर्य की यात्रा पर जाएँ। जैसा कि यहाँ हर जगह पहाड़ी क्षेत्र हैं, यहाँ की सड़कें संकीर्ण और उबड़-खाबड़ हैं। और जैसा कि ये हिमालयी क्षेत्र में ,इसलिए आप बदलते हुए मौसम के लिए भी अपने आप को तैयार कर लें।

त्सोंगमो झील और नाथुला दर्रा पहुँचें कैसे?

त्सोंगमो झील सिक्किम की प्रसिद्द झीलों में से एक है जो अपने रंग बदलते अद्भुत दृश्य के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्द है। इसलिए आपकी यहाँ की एक मज़ेदार यात्रा तो बनती ही है।

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