कैश आते ही निकली कैशलेस की हवा, 70 प्रतिशत जनता ने दिया कांग्रेस का साथ
मुंबई| नोटबंदी के ऐलान के बाद जहाँ एक और पीएम मोदी कैशलेस होने की बात कर रहे हैं और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं| वहीँ, दूसरी ओर हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है| मार्केट में नोटों की कमी जैसे-जैसे घाट रही है, वैसे-वैसे लोग कार्ड पेमेंट छोड़ कर वापस नकद लेनदेन में लग गये हैं|
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पीम मोदी के नोटबंदी का ऐलान करते ही कार्ड पेमेंट की सुविधा देनेवाली कंपनियों का व्यापार करीब-करीब 30 प्रतिशत बढ़ गया था| लेकिन दिसंबर के आखिरी सप्ताह और शुरुआती जनवरी के आंकड़े बताते है कि कैश की समस्या खत्म होते ही इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है|
डिजिटल पेमेंट स्कीम को लगा पलीता
पेमेंट टर्मिनल्स इंस्टॉल करने वाली कंपनी पाइन लैब्स के सीईओ लोकवीर कपूर का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह से कार्ड पेमेंट में काफी कमी आई है| सप्ताह दर सप्ताह इसकी रफ्तार सुस्त पड़ रही है|
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पेमेंट इंडस्ट्री की मानें तो इसकी बड़ी वजह नकदी संकट का खत्म होना है| सिस्टम में पर्याप्त नकदी है और निकासी की लिमिट भी बढ़ गयी है| इसलिए छोटे अमाउंट का भुगतान करने वाले लोगों ने दोबारा कैश का रुख कर लिया है| हालाँकि, इसकी आशंका पहले ही जताई गयी थी|
इनोविटी पेमेंट सॉल्युशंज के अनुसार शहरों में पहले 40 प्रतिशत ट्रांजैक्शन कार्ड से होते थे लेकिन नोटबंदी के बाद यह आकंड़ा 80 प्रतिशत तक पहुंच गया था| लेकिन अब ये फिर काफी घाट गया है| छोटे शहरों में अभी भी सिर्फ 30 प्रतिशत लोग ही कार्ड पेमेंट अपना रहे हैं|