डिंपल से अपनी शादी का उदाहरण दे बोले अखिलेश – “मैं जातिवादी नहीं हूँ !”

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने कभी जातिवाद की राजनीति नहीं की है. अखिलेश की मानें तो वो जात-पात पर विश्वास नहीं करते, इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनकी पत्नी डिंपल यादव हैं.

बातचीत में अखिलेश ने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए उन्होंने आगे बढ़कर बीएसपी से गठबंधन किया है. गठबंधन के बाद से ही बीजेपी परेशान है.

अखिलेश ने दावा किया कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए यह गठबंधन सक्षम है, इसलिए अब बीजेपी जाति-धर्म की बात को उछाल रही है. लेकिन जनता होशियार है और इस बार उनकी यह रणनीति काम नहीं आने वाली है.

अखिलेश यादव का कहना है कि जात-पात पर उन्हें न तो कभी विश्वास था और न रहेगा. उन्होंने कहा कि इसका बड़ा सबूत उनकी शादी है. डिंपल दूसरी जाति से हैं और वो दूसरी जाति से हैं. लेकिन जात-पात की दीवार को तोड़ते हुए दोनों ने शादी की. अखिलेश ने कहा, ‘मैं जातिवादी नहीं हूं.’

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अखिलेश से पूछा गया कि अगर आप जातिवाद की राजनीति नहीं करते हैं तो आपको यादव रेजिमेंट बनाने की क्यों जरूरत पड़ गई? इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि एक बार वो गुजरात गए थे और वहां पर अहीर समुदाय के लोगों से उनकी मुलाकात हुई. जहां पर लोगों ने उनसे एक अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग रखी. अखिलेश की मानें तो वो एक अहीर रेजिमेंट के साथ-साथ गुजरात रेजिमेंट भी बनाना चाहते हैं.

जात-पात के सवाल पर डिंपल यादव ने कहा कि यादव रेजिमेंट क्यों नहीं हो सकता, डिंपल ने कहा कि मैं खुद गढ़वाल से हूं और लोग गढ़वाल रेजिमेंट के बार में बखूबी जानते हैं, उसी तर्ज पर अगर यादव रेजिमेंट बने तो इसमें क्या हर्ज है. इसे किसी खास जाति से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम बताने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबको पता है कि मैं किसके साथ खड़ा रहूंगा, यह बात पूरा देश जानता है.’ इस सवाल पर कि क्या मुलामय सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे तो अखिलेश यादव ने कहा, ‘नेता जी नहीं बनना चाहते. मैं प्रधानमंत्री के लिए 23 मई को नाम बताऊंगा. मैं पार्टी की सीटें जीतने के बाद मायावती जी से राय मशविरा करने के बाद इस पर फैसला लूंगा.’

 

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