डिंपल की करारी हार के पीछे है ये बड़ी वजह, आप भी जानिए

लोकसभा चुुनाव के नतीजाें में समाजवादी पार्टी को यूपी में ज्यादतर सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कुछ ऐसी सीटें भी समाजवादी पार्टी को गवांनी पड़ीं जिन्हें अखिलेश यादव सुरक्षित सीट मानते थे। इन्हीं में से एक है कन्नौज की लोकसभा सीट जहां से डिंपल यादव गठबंधन प्रत्याशी थीं।

डिम्पल यादव

डिंपल यादव के चुनाव हारने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा मायावती के पैर छूने वाली घटना पर हुई। इस घटना के बाद चाचा शिवपाल यादव ने भी बड़ा बयान दिया था। 25 अप्रैल को तिर्वा में डिंपल यादव के पक्ष में रैली करने पहुंचीं बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूकर डिंपल यादव ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी।

डिंपल यादव के पैर छूने को सपाई संस्कार कहकर दलितों पर अपनी पकड़ मान रहे थे। वहीं माना जा रहा है कि सपा का पारंपरिक यादव वोट इसके बाद छिटककर भाजपा की ओर चला गया। कन्नौज लोकसभा सीट पर यादव वोट सबसे अधिक  करीब 2 लाख 65 हजार हैं।

बताते चलें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूने की वजह से अचानक से यूपी की सियासी हवा में गर्माहट बढ़ गई थी। चुनाव के दौरान हुई इस घटना ने सभी को हैरान कर के रख दिया था।

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बहू डिंपल यादव द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूने के मामले में शिवपाल यादव को गुस्सा आ गया था। शिवपाल ने कहा था बहू डिंपल ने बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूकर समाजवाद को उनके कदमों में रख दिया जिसे माननीय मुलायम सिंह यादव और मैंने मिलकर सालाें की मेेहनत से खड़ा किया था।

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