नमक के पानी से करें डायरिया का घरेलू उपचार

डायरिया पाचन तंत्र का एक सामान्य विकार है। ज्यादातर मामलों में इस विकार से पूरी तरह से ठीक होने में 2-3 दिनों का समय लगता है। अतिसार के कई कारण हो सकते हैं जिनमें वायरल या जीवाणु संक्रमण, अनुचित आहार, तनाव और पाचन तंत्र में समस्याएं शामिल हो सकती हैं। आपके शरीर से लगातार पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि के कारण आपको मितली और सुस्ती का अनुभव हो सकता है। यदि आप बार बार शौचालय नहीं जाना चाहते हैं तो आप कुछ घरेलू उपचारो की मदद ले सकते हैं जो आपको आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। ये आपको डायरिया से राहत देंगे और इसका इलाज करेंगे –

नमक के पानी से करें डायरिया का घरेलू उपचार

डायरिया से पीड़ित होने पर गंभीर रूप से पानी की कमी होने का ख़तरा रहता है जिससे आपके शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स कम हो जाते हैं। यह शरीर में निर्जलीकरण की ओर ले जाता है और इससे त्वचा और होंठों में सूखापन पैदा हो सकता है। इसलिए शरीर में हुए पानी के नुकसान को आपको भरना होगा।

इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चुटकी नमक और एक चम्मच चीनी का मिलाएँ। इससे आपके शरीर में नमक का संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। आप इस पेय के लिए एक बड़ा स्पून नींबू का रस भी मिला सकते हैं। इसके अलावा दिन भर उबला हुआ या फ़िल्टर पानी पिएं। अगर बाहर जा रहे हैं, तो आप स्वयं के लिए पानी की बोतल ले जाना मत भूलें।

आपको शायद यह पता होगा कि जब आप दस्त से पीड़ित होते हैं तो आपका पाचन तंत्र अच्छे से काम नहीं करता है। इसलिए अगर आप डायरिया से पीड़ित है तो कोई भी भारी भोजन नहीं खाना चाहिए जिसे आपको पचाने में मुश्किल हों। अच्छा होगा अगर आप आसानी से पचने योग्य मूंग दाल और चावल से बनी खिचड़ी का सेवन करेंगे। खिचड़ी के साथ आप दही या छाछ का भी सेवन कर सकते हैं।

वास्तव में कुछ बैक्टीरिया आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं। दही में ऐसे बैक्टीरिया हैं जो आपकी पाचन तंत्र को कुशल बनाने में मदद करते हैं। दही माइक्रोबियल संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकता है। इसलिए डायरिया से पीड़ित होने पर आप दिन में दही का 2-3 बार सेवन कर सकते हैं।
दही से तैयार की छाछ एक ताज़ा पेय होता है जो गर्मियों के समय में पीना बहुत अच्छा होता है। यह पेय प्रोबायोटिक है और आसानी से पचने योग्य है।

दस्त से पीड़ित होने पर पके केले का सेवन बहुत लाभकारी होता है। केले में फाइबर होते हैं जो पाचन समस्याओं में मदद करते हैं। केले में मौजूद पोटेशियम सामग्री इलेक्ट्रोलाइट संतुलन के लिए भी अच्छी होती है। आप 2-3 केले एक दिन खा सकते हैं।

सेब भी दस्त का इलाज करने के लिए अच्छे होते हैं क्योंकि सेब में उच्च पेक्टिन सामग्री होती है जो फाइबर प्रदान करती है। सेब की जगह सेब का रस ना पिएं क्योंकि इसमें चीनी शामिल होती है जो दस्त के इलाज के लिए अच्छा नहीं होती है। पेट की समस्याओं के उपचार के लिए प्रति दिन 2 सेब खाएं।

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इसबगोल प्लांटोगो पौधे के बीज की भूसी से प्राप्त किया जाता है। यह अतिसार सहित कई पाचन विकारों के उपचार में प्रभावी है। यह आपके पित्त दोष को भी संतुलित करता है। यह एस, पेट में दर्द और कब्ज का भी इलाज करता है। 5-10 ग्राम इसबगोल भूसी को दही के साथ मिलाकर खाएँ।

कैमोमाइल चाय आपके पेट दर्द को दूर करने के लिए बहुत अच्छी होती है। यह दस्त से राहत भी प्रदान करती है और आपकी आंतों को ठीक से काम करने में मदद करती है। दिन में कैमोमाइल चाय के 2 कप पिएं।

आप एक सूप तैयार कर सकते हैं जो आपके पेट के लिए हल्का और पचाने में आसान हों। विशेष रूप से गाजर सूप अच्छा है। अपने पाचन तंत्र को ट्रैक पर वापस लाने के लिए गाजर के गर्म सूप के 1-2 कटोरे पिएं।

अदरक पेट के लिए अच्छा होता है। यह पेट में दर्द और दस्त का इलाज करने में प्रभावी है। आप अदरक को भूनकर एक पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर उसमें एक बड़ा स्पून शहद का मिलाएँ। प्रतिदिन 2-3 बार इस घोल को पिएं।

बबुल डायरिया और पेचिश के इलाज के लिए काफी उपयोगी है। इसकी पत्तियों का उपयोग काले जीरे के साथ खाने से डायरिया के इलाज के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा आप इसकी पेड़ की छाल से तैयार काढ़े को भी पी सकते हैं। इन विकल्पों में से कोई एक दिन में दो बार लिया जा सकता है।

अर्जुन की छाल और पत्तियाँ दस्त और हल्के पेचिश के उपचार में बहुत अच्छा होता है। आप छाल से काढ़ा तैयार कर सकते हैं और प्रति दिन 15 ग्राम काढ़े का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसके पत्तों को एक गिलास पानी में उबाले और उसका सेवन करें।

पेपरमिंट या पुदीने की पत्ते पेट विकारों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह गैस, पेट में दर्द और दस्त के उपचार में प्रभावी है। आप 10 मिनट के लिए एक कप पानी में पुदीने की पत्ते को उबालकर चाय तैयार कर सकते हैं। आप रोजाना 2-3 कप पेपरमिंट चाय पी सकते हैं।

दालचीनी दस्त सहित विभिन्न जठरांत्र संबंधी (gastrointestinal) समस्याओं के इलाज में कारगर है। इसमे शक्तिशाली जीवाणुरोधी और वायरसरोधी गुण होते हैं जो आपके पेट में उन हानिकारक जीवों को नष्ट कर देते हैं जो दस्त का कारण हैं। यह पाचन एंजाइमों को भी उत्तेजित करते हैं जो कि पाचन तंत्र के साथ चीज़ो को आसानी से ले जाने में मदद करते हैं।

एक कप उबलते पानी में 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और आधा चम्मच ताज़ा पिसा हुआ अदरक डाल कर मिश्रण तैयार करें। इसे ढक कर 30 मिनट के लिए छोड़ दें। इस चाय को दिन में 2 या 3 बार पिएं। आप अधिक लाभ के लिए खाने से पहले दही या केले पर कुछ दालचीनी पाउडर छिड़क कर खा सकते हैं।

सेब का सिरजा दस्त को रोकने के लिए काफी अच्छा उपाय है। यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक) आंत में दस्त के मूल बैक्टीरिया को ख़त्म करके दस्त के इलाज में मदद करता है। इसकी उच्च पेक्टिन (आश्लेषि) सामग्री मलाशय की उग्र परत को शान्त करती है।

साथ ही, यह पेट में उचित पीएच (pH) स्तर को बनाए रखने में मदद करता है जिससे पेट ठीक होता है। एक गिलास गुनगुने पानी में कच्चे, अपरिवर्तित सेब के सिरके के 1 से 2 चम्मच मिला लें। उसमें थोड़ा सा शहद मिला कर हिला लें। इसे दिन में 2 या 3 बार पिएं जब तक आपकी हालत में सुधार ना हो जाए।

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दस्त के लिए घरेलू उपचार है हल्दी –

हल्दी के एंटीबायटिक गुण बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं जो कि इस कष्टप्रद समस्या का कारण बनते हैं। यह मसाला आपके शरीर को ठीक रखने में भी मदद कर सकता है। वैकल्पिक और पूरक चिकित्सा के जर्नल में प्रकाशित 2004 के एक अध्ययन के अनुसार हल्दी का अर्क ग्रहणी (Irritable bowel syndrome) के लक्षणों में सुधार ला सकता है। दस्त ग्रहणी के लक्षणों में से एक है।

एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिक्स करें। यह अच्छी तरह से मिलाएं और जल्दी से पी जाएं। यह दिन में 2 या 3 बार पिएं। वैकल्पिक रूप से, 1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर को 1 बड़े चम्मच सेब की सॉस या दही के साथ मिलाएं। यह दिन में 2 या 3 बार लें।

जब आप दस्त से पीड़ित होते हैं तो आपका कुछ खाने का मान नहीं करता है। ऐसे में ज़रूरी होता है की आप अपने शरीर को ठीक करने के लिए सही खाना खायें। कुछ दिनों के लिए अपने आहार में स्टार्चयुक्त खाना शामिल करें जो आपको तेज़ी से बेहतर महसूस कराने में मदद करेगा। आपका शरीर स्टार्चयुक्त खाने से पोषक तत्वों को ज़्यादा जल्दी अवशोषित कर लेता है।

कुछ सबसे अच्छे स्टार्चयुक्त भोजन हैं पहले से पके हुए सफेद चावल, साबूदाना अनाज, उबले हुए आलू और पकी गाजर। बाल चिकित्सा एवं बाल स्वास्थ्य में प्रकाशित 2003 के एक अध्ययन में पाया गया है की संशोधित साबूदाना स्टार्च और हरे केले का आटा बच्चों में डायरिया की बीमारी के समाधान के लिए उपयोगी है।

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अनार दस्त के लिए एक और पारंपरिक उपाय है। इसके कवकरोधी, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण शरीर को लाभ देते हैं। यह पेट में हानिकारक बैक्टीरिया से बचाता है, इस प्रकार यह दस्त को लंबे समय तक होने से रोकता है। यह मतली, उल्टी को कम करने और कम भूख में भी मदद कर सकता है। दिन भर में 1 से 2 गिलास ताज़ा अनार का रस पीना चाहिए। एक कप पानी में एक मुट्ठी सूखे अनार के छिलके डालें। उनको उबाल कर 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें और छानकार दिन भर में कम मात्रा में इस तरल को पीते रहें।

दस्त से पीड़ित होने पर गंभीर रूप से निर्जलित (पानी की कमी) होने का ख़तरा रहता है। इसलिए हाइड्रेटिड (जलयोजित) रहने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठायें, अन्यथा मामूली निर्जलीकरण से आपकी हालत खराब हो सकती है।

दिन भर उबला हुआ या फ़िल्टर पानी पिएं। अगर बाहर जा रहे हैं, तो आप स्वयं के लिए पानी की बोतल ले जाना मत भूलें। नारियल पानी भी आपको हाइड्रेटिड रखने में मदद करता हैं। हरी चाय के 2 से 3 कप पीना भी फायदेमंद है।

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