ट्रेन में सफ़र कर रहे इस व्यक्ति का टिकट देख TT के उड़े होश, सच्चाई देख आप भी रह जाएंगे हैरान…

अब आपको ट्रेन में सफर करने के लिए एक हजार साल बाद का टिकट भी मिल सकता है। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद रेलवे का टिकट कह रहा है। चौकिए मत, क्योंकि रेलवे टिकट की जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसे देखने के बाद आप पूरा मामला समझ जाएंगे।

ट्रेन में सफ़र कर रहे इस व्यक्ति का टिकट देख TT के उड़े होश

बात साल 2013 की है। सहारनपुर के विष्णु कांत शुक्ल को अपने दोस्त की पत्नी के देहांत हो जाने की वजह से अर्जेंट जौनपुर जाना पड़ रहा था।

उन्होंने काउंटर से टिकट लिया और ट्रेन में बैठकर चल दिए। क्या पता था, रास्ते में कुछ ऐसा हो जो उन्हें ही नहीं टीटी का भी दिमाग सन्न कर देगा।

हुआ ये कि जब टीटी ने विष्णु कांत शुक्ल का टिकट देखा तो उसका भी दिमाग खराब हो गया। दरअसल, टिकट में यात्रा की तारीख 19.11.3013 लिखी हुई थी। ऐसा होना साफ तौर पर टाइपिंग की गलती समझी जा सकती है, लेकिन टीटी ने जो किया उसे गलती तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीटी ने बुजुर्ग विष्णु कांत शुक्ल पर फेक टिकट रखकर सफर करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बीच रास्ते में ही उतार दिया।

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इसके बाद पीड़ित ने मामले को लेकर उत्तर रेलवे जीएम, डीआरएम अंबाला और स्टेशन अधीक्षक को पार्टी बनाते हुए उपभोक्ता फोरम में रेलवे को चुनौती दे डाली।

5 साल के संघर्ष के बाद उपभोक्ता फोरम ने रेलवे के खिलाफ फैसला सुनाते हुए यात्री को ब्याज सहित टिकट के पैसे लौटाने का आदेश दिया।

रेलवे को 10 हज़ार बतौर मानसिक क्षति और तीन हजार वाद-व्यय देने का आदेश भी दिया गया है।

कोर्ट ने कहा कि 70 साल के किसी बुजुर्ग आदमी को बीच यात्रा में ट्रेन से उतार देना बहुत ज़्यादा दुखद है।

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