जानें क्या है चमोली के विकास घाट नंदा देवी के मंदिर का महत्व, क्यों हर साल भाद्रपक्ष पर कैलाश के लिए जाती है

रिपोर्ट – चमोली

चमोली –  देश के सीमांत नीला चमोली में विश्व विख्यात नंदा देवी राज जात भले ही 12 सालों में होती है, लेकिन चमोली विकास नगर घाट के नंदा देवी सिद्ध पीठ कुरुड़ से हर साल भाद्र पक्ष पर कैलाश के लिए जाती है।

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इस बार भी माँ नंदा की डाली विशेष वैदिक पूजा अर्चना के साथ अपने मायके कुरुड़ से कैलाश के लिए रवाना हुई, इस अवसर पर भारी संख्या में छेत्रीय जनता के साथ साथ पर्यटक भी इस छण को अपने मोबाइल में कैद करते दिखे। महिलायें अपने मायके आकर माँ नंदा को विशेष भेट चढ़ती है, अपने भविष्य, व बच्चों के लिए मन्नते मांगती है। कहा जाता है कि नो भी सच्चे दिल यहां मन्नत मांगता है उसकी इच्छा पूर्ण हो जाती है।

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इस मेले में बच्चों व महिलाओं की अधिक भागीदारी होती है, यही नही मेले को आकर्षण बनाने के लिये यहां पर प्रशाशन द्वारा निःशुक्ल मेडिकल की व्यवस्था व छेत्रीय उत्पादों के स्टाल भी लगाए जाते हैं।

वही दूसरी ओर महिला मंगल दलों व बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराए जाते है, व उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है।

 

 

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