जानिए Tik Tok पर हटा बैन , चीनी कंपनी को मिली बड़ी राहत…

नई दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक (Tik Tok) पर लगाया गया बैन हटा दिया है. कोर्ट में बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई जिसमें इस एप पर लगे ‘बैन’ को हटा दिया गया हैं।

TIK TOK

वहीं  टिक टॉक के लिए यह कितनी राहत की बात है, यह इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि कंपनी को इस बैन से हर दिन करीब 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था। जहां काफी कुछ दांव लगा हुआ था, क्योंकि वह भारत में एक अरब डॉलर तक के निवेश की तैयारी कर चुकी थी।

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बता दें की टिकटॉक पर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट के कारण मद्रास हाई कोर्ट द्वारा बैन लगा दिया गया था, जिसके चलते नए यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड नहीं कर सकते थे।

बैन के बाद 17 अप्रैल को पॉपुलर चीनी ऐप Tik Tok भारत में गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से हटा लिया गया हैं। वहीं मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि मोबाइल ऐप टिक टॉक को बच्चों और महिलाओं के अश्लील वीडियो से मुक्त होना चाहिए।

खबरों के मुताबिक टिक टॉक की डेवलपर चीनी कंपनी बाइटडांस टेक्नोलॉजी ने कहा है कि भारत में पाबंदी लगने के बाद उसकी कंपनी को हर दिन 5 लाख डॉलर (करीब 3.5 करोड़ रुपये) का नुकसान हो रहा था।

इस चीनी कंपनी ने तो यहां तक कह दिया था कि भारत में रोक लगने के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए वह 250 कर्मचारियों की छंटनी पर विचार कर रही है। जहां चीन की एक अदालत को यह जानकारी दी थी।

टिक टॉक छोटे-छोटे विडियो शेयर करने वाले प्लैटफॉर्म्स में दुनिया भर में लोकप्रिय है,  इस ऐप में विडियो बनाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स की सुविधा दी गई है।  ऐनालिटिक्स फर्म सेंसर टावर के मुताबिक, भारत में करीब 3 करोड़ यूजर्स ने टिक टॉक ऐप डाउनलोड किया है जबकि दुनियाभर में इसके 1 अरब यूजर्स हैं।

टिक टॉक के लिए बड़ी राहत इसलिए भी है कि कंपनी भारत में अपना विस्तार करने की योजना बना रही है।  टिक टॉक की ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हेलेना लर्स ने एक बिजनेस अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि कंपनी भारतीय यूजर्स पर खर्च करती रहेगी।

लेकिन उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि 2019 के आखिर तक भारत में टिक टॉक के 1,000 एंप्लॉयी काम कर रहे होंगे। जहां  इनमें 25% यानी 250 एंप्लॉयी सिर्फ कन्टेंट मॉडरेशन में लगे होंगे,  कंपनी भारत में करीब एक अरब डॉलर के निवेश की तैयारी कर रही है।

पिछले हफ्ते बाइटडांस ने सुप्रीम कोर्ट में भी यह अपील की थी कि इस बैन को हटाया जाए और आईटी मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि वह इस प्लैटफॉर्म्स को गूगल और एप्पल पर उपलब्ध कराएं।

लेकिन देखा जाये तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में खुद कोई राहत न देते हुए इसे मद्रास हाईकोर्ट को वापस कर दिया था. बाइटडांस में जापान के सॉफ्टबैंक समूह का भी निवेश हुआ है।

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