
नई दिल्ली : यह कहानी 84 साल के श्याम बाबू सुबुधि की हैं। जहां श्याम बाबू बुजुर्ग जरूर हो चुके हैं लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर उनका जज्बा अभी भी कायम है। वह ओडिशा के अस्का एवं बेहरामपुर से 17वीं लोकसभा के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। श्याम बाबू का चुनाव चिन्ह भी बड़ा रोचक है। वहीँ उनका चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’ है जिसके पीछे लाल रंग से ‘प्रधानमंत्री उम्मीदवार’ लिखा हुआ है। वह 57 सालों से चुनाल लड़ रहे हैं।

बता दें की श्याम बाबू का कहना है कि वह ओडिशा की दो सीटों से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ये दो सीटें अस्का एवं बेहरामपुर हैं। श्याम बाबू लोगों के बीच जाकर खुद अपना प्रचार कर रहे हैं। इसके लिए वह बसों और ट्रेनों में घूम रहे हैं।बाजारों में लोगों से मिलकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं।
दरअसल श्याम बाबू का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं चुनाव जीतूं या फिर हारूं, मैं लगातार चुनाव लड़ूंगा।श्याम बाबू बताते हैं कि वह साल 1962 से निर्दलीय विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि वह अब तक 32 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन जीत नहीं मिली। श्याम बाबू कहते हैं- मुझे लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है चाहे जीत मिले या नहीं।
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