जानिए इस स्कूल के सारे बच्चे एक साथ जमीन पर क्यों लोटने और चीखने-चिल्लाने लगे…

सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं. वीडियो अलग-अलग ऐंगल से बनाए गए लगते हैं. वीडियो फेसबुक और ट्विटर के ज़रिए वायरल किए जा रहे हैं. पहले दावे जान लीजिए.

जानिए इस स्कूल के सारे बच्चे एक साथ जमीन पर क्यों लोटने और चीखने-चिल्लाने लगे...

बतादे की इस वीडियो के दावे अलग-अलग हैं. कुछ पोस्ट के मुताबिक वीडियो हरियाणा का है. तो कुछ पोस्ट के मुताबिक वीडियो जम्मू के सरकारी स्कूल का है. वीडियो में स्कूली छात्र-छात्राएं दिख रहे हैं.

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वहीं सभी अजीब हरकत कर रहे हैं. कोई ज़ोर-ज़ोर से रो रही है. कोई चिल्ला रही है, कोई लड़की फर्श पर ही छटपटा रही है. तो कोई सिर पीट रही है. इस वीडियो में ज्यादा संख्या छात्राओं की है. कुछ जगह पर छात्र भी दिख रहे हैं.

लेकिन कुछ लोग इस वीडियो की हकीकत जानने के लिए भी इसे शेयर कर रहे हैं. वैसे ही लोगों में से हमारे पाठक हैं कबीर. इन्होंने हमें एक तस्वीर और वीडियो भेजकर इस मामले की सच्चाई जाननी चाही.

देखा जाये तो  वीडियो देखकर सच में ऐसी फीलिंग आएगी कि कुछ ना कुछ गड़बड़ तो है. हम भी जब इस वीडियो को देख रहे थे तो छात्राओं की चीख सुनकर कुछ सेकेंड के लिए शॉक्ड हो गए. लेकिन हमने इस वीडियो की तस्दीक की. जहां हमारे पास पेपर की कटिंग मौजूद थी जिसमें वीडियो कहां का है, कब का है, उसकी सारी जानकारी मौजूद थी. लेकिन असली सवाल ये था कि छात्राएं चिल्ला क्यों रही हैं. ज़मीन में लोट क्यों रही हैं. पहले वीडियो के बारे में जान लीजिए.

वहीं वीडियो जम्मू कश्मीर के कठुआ का है. वीडियो में रोने वाले छात्र-छात्राएं सित्ती हाई स्कूल के हैं. ये घटना 14 जून की है. जब स्कूल में प्रेयर के दौरान ये घटना घटी. मौके पर मेडिकल टीम पहुंची थी जिन्होंने बच्चों की जांच की. जांच में बच्चों के साथ कोई गड़बड़ी नहीं मिली. बच्चे बिल्कुल फिट पाए गए. उनकी काउंसिलिंग करके उन्हें घर भेज दिया गया.

अब बड़ा सवाल था कि ऐसा हुआ क्या. बच्चों ने ऐसा बिहेव क्यों किया. तो इसका हिंट मिला एसडीएस जोगिंद्र सिंह जसरोटिया की तरफ से. कठुआ में एक जगह है बनी. वहां के SDM ने कहा कि पहली नज़र में ये मामला ‘मास हिस्टीरिया’ का लग रहा है. क्योंकि सभी बच्चे हेल्दी थे, उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. ऐसा अमूमन मास हिस्टीरिया के केस में ही होता है.

हमारे प्रधानमंत्री अक्सर रेडियो पर मन की बात कहते हैं. लेकिन हमारे समाज में कई लोग ऐसे हैं, जो मन की बात दूसरों के सामने नहीं कह पाते. वो अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं. महिलाओं के साथ ये दिक्कत ज्यादा है. क्योंकि अक्सर उनकी दुनिया घर तक ही सीमित कर दी जाती है. वो अपने अंदर पैदा हो रही किसी भी तरह की बात दूसरों को नहीं बता पाती. जिसकी वजह से वो अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं. इसी वजह से वो ऐसी हरकत कर देती है जिससे लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच सके.

साल 2017 में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान में महिलाओं के बाल काटने वाली घटना हुई थी. वो मास हिस्टीरिया का ही केस था. चोटी किसी की कटी नहीं बस अफवाल फैलती चली गई. इस केस में जब भी कोई एक घटना होती है तो दूसरे उसे खुद से कनेक्ट कर लेता है.

लेकिन अक्सर जो सिंदूर लगना, कुमकुम लगना, बाल काटना, या फिर त्रिशूल के निशान वाली घटना, ये कुछ वैसी ही घटना है जो हमें भरोसा दिलवा देता है कि तांत्रिक या फिर भूत ने ऐसा किया है. जबकि हकीकत कुछ और होती है.

जर्मनी के एक कॉन्वेंट में भी 15वीं सदी में एक नन ने लोगों को काटना शुरू कर दिया था. फिर कुछ दिनों में कॉन्वेंट की दूसरी ननों में भी ये बीमारी हो गई. जर्मनी से शुरू हुई ये घटना हॉलैंड और इटली के कई कॉन्वेंट में फ़ैल गई. ये घटना भी मास हिस्टीरिया का ही एग्ज़ाम्पल था.

दरअसल  वीडियो हरियाणा के स्कूल का नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के कठुआ के सरकारी स्कूल का है. छात्र-छात्राओं के रोने का वीडियो असली पाया गया. लेकिन इसके साथ की जानकारी भ्रामक थी . जहां बच्चों को किसी भूत ने नहीं पकड़ा था बल्कि ‘मास हिस्टीरिया’ की वजह से ऐसा हुआ था.

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