छेड़छाड़ से परेशान युवती ने की आत्महत्या की कोशिश, पुलिस कर रही आनाकानी! 

रिपोर्ट — शिवा शर्मा

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में एक शोहदे से परेशान छात्रा ने सुसाइड की कोशिश की है| छात्रा ने घर की दूसरी मंजिल से कूदकर जान देने प्रयास किया था|जिसके बाद छात्रा के दोनों पैरो में फ्रेक्चर हो गया है और कमर में भी गंभीर चोट पहुंची है| घायल छात्रा का इलाज बलरामपुर हॉस्पिटल में जारी है|

वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर छात्रा और उसके पिता ने देरी से कार्यवाई करने का आरोप लगाया है फिलहाल तत्काल प्रभाव से पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है|

घटना थाना इंदिरानगर के खुर्रमनगर इलाके की है| जहां 23 वर्षीय छात्रा अलीगंज के कपूरथला स्थित महेन्द्रा कोचिंग से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है| बीते 17 अप्रैल को छात्रा जब कोचिंग के करीब पहुंची तो राजुकमार यादव नाम का शख्स अपनी कार से करीब पहुंचा और उससे छेड़छाड़ कर जबरन गाड़ी में बैठाने लगा|

जब विरोध किया तो छात्रा और उसके ममेरे भाई की पिटाई भी कर दी| मौके पर लोगो के विरोध पर राजकुमार चलता बना| इसके बाद पीड़ित छात्रा की माने तो आरोपी लगातार उसे फोन और मैसेज कर धमकाता रहा और एसिड अटैक के साथ ही परिवार को जान से मारने की धमकी भी देता रहा|

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जिससे घबराई छात्रा ने गुरुवार को अपने घर की दूसरी मंजिल से कूदकर जान देने की कोशिश की|बुरी तरह से घायल छात्रा को बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है|  जहां उसके दोनों पैर और कमर का इलाज जारी है|

छात्रा और उसकी माँ की माने तो मामले में खुर्रमनगर चौकी इंचार्ज ने कार्यवाई के बजाय उल्टा आरोपी के पक्ष में समझौता करने का दबाव बनाया|पीड़ित युवती के पिता राधेश्याम खुद अभिसूचना विभाग में कार्यरत हैं|

लेकिन राधेश्याम की मानें तो जब वो आरोपी राजकुमार के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो उन्हें खुर्रमनगर चौकी भेजा गया और वहां पर चौकी इनचार्ज के पद पर तैनात दरोगा राजीव सिंह चौहान ने कोई कार्यवाही नही की|

जिसके बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया| जिसके बाद मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी शोहदे राजकुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है| साथ ही मामले में लापरवाही को लेकर जाँच के आदेश भी किये गए हैं|

आरोपी का पिता खुद पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर तैनात है| लिहाजा मामले में पुलिस उल्टा पीड़ित युवती के परिजनों को ही धमकाती रही और मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी भी करती रही|

बहरहाल जिस तरह से ये घटना सामने आई है वो बताने के लिए काफी है कि अभी भी थानों और चौकियो में बैठे पुलिस वाले किस तरह का व्यवहार फरियादियों से करते हैं और कहाँ तक न्याय जिंदा बचा है|

 

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