
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में शुक्रवार (1 अगस्त 2025) दोपहर को जीटी रोड हाईवे पर नगला ताल के पास एक भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में दीपक चौहान (36), उनकी पत्नी पूजा (34), बेटियां आशी (9) और आर्या (4), और दीपक की बहन सुजाता (35) की मौके पर ही मौत हो गई। दीपक की 11 वर्षीय बेटी आराध्या गंभीर रूप से घायल है और सैफई मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।

हादसा बेवर थाना क्षेत्र में उस समय हुआ जब दीपक चौहान अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से परिवार के साथ आगरा से छिबरामऊ (कन्नौज) लौट रहे थे। वे आगरा में अपने छोटे भाई राकेश की बेटी काव्या चौहान के जन्मदिन समारोह में शामिल होने गए थे। दोपहर करीब 12:40 बजे बारिश के कारण हाईवे पर जलभराव था। एक ट्रक के पहियों से उछला पानी दीपक की कार के अगले शीशे पर गिरा, जिससे उनकी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और कानपुर-दिल्ली लेन पर गर्डर से लदे एक ट्रोले से जा भिड़ी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई, और पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरा हादसा और यातायात बाधित
पहले हादसे के ठीक पांच मिनट बाद उसी स्थान पर एक पिकअप वैन पीछे से एक डीसीएम में घुस गई। इस हादसे में पिकअप चालक एहसान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे स्थानीय लोगों और पुलिस ने निकालकर बेवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। दोनों हादसों के कारण जीटी रोड पर करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाकर यातायात सुचारू किया और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
परिवार का दर्दनाक अंत
दीपक चौहान मूल रूप से हरीपुर कैथोली गांव (किशनी थाना क्षेत्र, मैनपुरी) के रहने वाले थे और वर्तमान में छिबरामऊ, कन्नौज की आवास विकास कॉलोनी में रहते थे। उनके पिता इंद्रपाल सेतु निगम में कार्यरत हैं और मां माया देवी के साथ आगरा में सरकारी क्वार्टर में रहते हैं। दीपक ने छह महीने पहले ही अपने गांव में एक नया घर बनवाया था, जहां वे अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन की उम्मीद कर रहे थे। इस हादसे ने उनके पूरे परिवार को उजाड़ दिया, और अब केवल 11 वर्षीय आराध्या ही जीवित बची है, जो सैफई मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत में है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल और एनएचएआई की लापरवाही
हादसे ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लापरवाही को उजागर किया। बारिश के कारण हाईवे पर जलभराव और रोड इंजीनियरिंग की कमी को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। घटना के बाद एनएचएआई ने जल निकासी के लिए डिवाइडर को काटने का काम शुरू किया, लेकिन यह कदम देर से उठाया गया। मैनपुरी में इस तरह के हादसे बार-बार हो रहे हैं, जिसने सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और घायल आराध्या के इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए। मैनपुरी के एसपी गणेश प्रसाद साहा, एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह, सीओ भोगांव सत्यप्रकाश, और इंस्पेक्टर बेवर अनिल कुमार सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया। समाजवादी पार्टी (सपा) ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है।