गृहमंत्री राजनाथ आगे आए, पहला हमला सीने पर करेंगे

नई दिल्ली। उरी में एक सैन्य शिविर पर रविवार को हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने कहा कि उड़ी हमले के बाद से यह तीसरी समीक्षा बैठक है, जिसकी राजनाथ ने अध्यक्षता की है। बैठक में पंजाब और गुजरात के सीमावर्ती इलाके की स्थिति पर भी चर्चा हुई।

गृहमंत्री राजनाथ

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा विदेश सचिव एस.जयशंकर ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक में विदेश सचिव की उपस्थिति से स्पष्ट हो गया कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत कूटनीतिक हमला करेगा, जिसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा से होगी। उन्‍होंने कहा कि यहां पाकिस्‍तान को उसके सामने जवाब दिया जायेगा।

एक उच्चस्तरीय बैठक में उड़ी के हमलावरों को पाकिस्तानी से मिले समर्थन के स्पष्ट सबूतों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूटनीतिक हमले की स्वीकृति दी थी।

बैठक में मंगलवार को रक्षा मंत्रालय, अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एवं अन्य ने कश्मीर घाटी के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति के बारे में गृहमंत्री राजनाथ को अवगत कराया।

राजनाथ ने नियंत्रण रेखा के साथ तथा जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी।

इस बीच राज्य की वास्तविक स्थिति के आकलन और नागरिक तथ सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत के लिए केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि मंगलवार को श्रीनगर में हैं।

महर्षि अपने दौरे के दौरान राज्य के राज्यपाल एन.एन. वोहरा और मुख्मंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करेंगे।

भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहममद पर आरोप लगाया है। आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेवारी नहीं ली है।

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