पुरानी से पुरानी गठिया को सिर्फ दस दिन में ठीक करेगा यह प्राचीन नुस्खा
आजकल की दौड़ती हुई ज़िन्दगी में छोटी-मोटी बीमारियों पर तो हमारा ध्यान तक नहीं जाता है। बावजूद इसके हमारे शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जिनमे ज़रा सा दर्द उठते ही हमारा चलना फिरना दूभर हो जाता है। इनमें से प्रमुख होता है जोड़ों का दर्द और गठिया। देखा जाए तो हर तीसरे व्यक्ति में यह समस्या पाई जाती है।
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गठिया रोग या आर्थराइटिस घुटने, कूल्हे, हांथ और शरीर के अन्य जोड़ों में होने वाला रोग है। गठिया की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है की ये 100 से भी ज्यादा प्रकार में पाया जाता है।
देखा जाए तो गठिया निवारण के लिए बाज़ार में तमाम तेल और दवाई मौजूद हैं जिनका जोरों-शोरों से प्रचार भी किया जाता हैं। लेकिन यह प्रोडक्ट्स एक पैसे ऐंठने के माध्यम तक सीमित रह गए हैं।
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ऐसे में हम आपके लिए प्राचीनकाल का एक ऐसा नुस्खा लाये हैं जो आपके गठिया के दर्द का रामबाण उपाय है। यह तेल न तो आपकी ज़ेब खाली कर देगा और न ही इसको बनाने की विधि खासा कठिन है।
इसको बनाने के लिए आप को जिन सामग्रियों की ज़रूरत पड़ेगी वह हैं :
काली उड़द दाल (करीब 10 ग्राम)
बारीक पीसा हुआ अदरक (4ग्राम)
पिसा हुआ कपूर (2 ग्राम)
सरसों का तेल (खाने का तेल) (50 मिली)
सामग्रियों को एकत्रित करने के बाद तेल बनाने की विधि
काली साबुत उड़द दाल, अदरक एवं कपूर को सरसों के तेल में 5 मिनिट तक गर्म कीजिये और तीनो चीज़ों को छानकर तेल से अलग कर लीजिये। जब तेल गुनगुना हो जाए तो इस तेल से दर्द वाले हिस्सों या जोड़ों की मालिश कीजिय, जल्द ही दर्द में तेजी से आराम मिलता है, ऐसा दिन में 2 से 3 बार कीजिये। यह तेल आर्थरायटिस जैसे दर्दकारक रोगों में भी गजब काम करता है।