खून के आंसू रो रहे किसान को सरकार की मदद, 1 रुपए देकर कहा- सपने पूरे कर लो

खून के आंसूनई दिल्ली। किसानों और गरीबों का मसीहा बनने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब उन्ही को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है। असल में केंद्र सरकार ने गरीब मजदूरों के साथ अब तक का सबसे भद्दा मज़ाक किया है। इस मज़ाक के बारे में जानकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने ये मज़ाक मनरेगा के मजदूरों के साथ किया है। सरकार ने मनरेगा के तहत मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी के दामों में बढ़ोतरी की है लेकिन इस बढ़ोतरी के बारे में जानकर आपको बेहद हैरानी होगी। मजदूरी के दाम में महज 1 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

खून के आंसू रोने पर मजबूर हुए ग़रीब

आपको बता दें कि कई राज्यों के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी की है । ऐसी बढ़ोतरी पिछले 11 सालों में कभी नहीं हुई है। पूर्वी राज्यों पर इसका ज्यादा असर पड़ा है। असम, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मजदूरी की दर 1 रुपये बढ़ाई गई है। वहीं ओडिशा में 2 रुपये और पश्चिम बंगाल में 4 रुपये से बढ़ोतरी की गई है। जहां कुछ राज्यों में महज 1 या 2 रुपये से मजदूरी बढ़ाई गई है, वहीं केरल और हरियाणा में मजदूरी 18 रुपये से बढ़ाई गई है। हरियाणा में अब न्यूनतम मजदूरी 277 रुपये हो गई है। वहीं बिहार और झारखंड में मजदूरी सबसे कम 168 रुपये हुई है।

न्यूनतम मजदूरी में एक रुपए के इजाफे का फायदा मजदूरों को 1 अप्रेल 2017 मिलने लगेगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बढ़ोतरी को लेकर कहा कि इस साल न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी 2.7 फीसद के हिसाब से की गई है। इसके पीछे की वजह उन्होंने इंफ्लेशन को बताया। बढ़ोतरी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि रोजगार योजना और न्यूनतम दरों के बीच बनी खाई को 2014 में अर्थशास्त्री महेंद्र देव की कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों से संकुचित किया जा सकता था। अर्थशास्त्री महेंद्र देव के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी राज्य की न्यूनतम मजदूरी दर से कम मजदूरी मिलती है तो उसे बंधुआ मजदूरी माना जाएगा।

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