कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद है काला जीरा, जानें इसके औषधीय गुणों के बारे में …

रसोई घर में अक्‍सर हम जीरा मसाले के तौर पर इस्‍तमाल करते हैं। ठीक इसी तरह काला जीरा भी होता है जो दिखने में काले रंग का होता है| यह स्‍वास्‍थ्‍य के गुणों से भरा होता है।जो कि भारत का एक प्राचीन मसाला भी है| यह प्राकृतिक दवा ना केवल खाने में स्‍वाद बढ़ाने का काम करता है बल्‍कि यह काफी शक्‍तिशाली दवाई भी है। पुराने जमाने से ही लोग इसे छोटी मोटी बीमारियों को ठीक करने के लिये प्रयोग में लाते आ रहे है। तो आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण और किन किन स्‍वास्‍थ्‍य गुणों से भरा होता है यह काला जीरा।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद है काला जीरा, जानें इसके औषधीय गुणों के बारे में ...

कोलेस्ट्रॉल कम करने में लाभकारी

आज कल कोलेस्ट्रॉल की समस्या काफी आम हो गई है। हर कोई इस बीमारी से पीड़ित है ऐसे में काला जीरा आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित रखता है, अगर आप इसका सेवन रेगुलर करते है तो यह आपके केलेस्ट्राल की मात्रा को कम करने में आपकी मदद करता है क्योंकि इसमें इसके बहुत से गुण सहायता करते है।

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आयरन का स्त्रोत

जिन लोगों को खून की कमी रहती है उनके लिए काला जीरा काफी लाभकारी है। यह आयरन का अच्छा स्त्रोत है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह अमृत के समान होता है, अगर आपको आयरन की का कमी है तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि यह आयरन की मात्र को बढ़ाने में हमारी मदद करता है।

सर्दी-जुकाम में फायदेमंद

जुकाम, कफ, नाक बंद होने या श्वास नली में तकलीफ होने जैसी सर्दी-जुकाम की समस्या में काले जीरे का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। यह शरीर से बलगम निकालने में मदद करता है। कफ से बंद नाक के लिए काला जीरा इन्हेलर का काम भी करता है। ऐसी स्थिति में थोड़ा सा भुना जीरा रूमाल में बांध कर सूंघने से आराम मिलता है। अस्थमा, काली खांसी, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी से होने वाली सांस की बीमारियों में भी यह फायदेमंद है। स्वाइन फ्लू और वायरल जैसे बुखार के इलाज में भी काले जीरे का सेवन लाभकारी है।

वजन कम करने की अचूक दवा

तीन महीने तक काले जीरे के नियमित सेवन से शरीर में जमा हुए अनावश्यक फैट घटाने में काफी सफलता मिलती है। काला जीरा फैट को गला कर अपशिष्ट पदार्थों (मल-मूत्र) के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में सहायक है। इस तरह यह आपको चुस्त-दुरुस्त बनाने में सहायक साबित होता है। इसमें मौजूद मूत्रवर्धक प्रभाव की वजह से भी इसका नियमित सेवन वजन कम करने में सहायक साबित होता है।

एंटीसेप्टिक्स का करें काम

काले जीरे के पाउडर का लेप लगाने से हर तरह के घाव, फोड़े-फुंसियां आसानी से भर जाते हैं। एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण यह संक्रमण फैलने से रोकता है। किसी भी समस्या में इसका सेवन विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करना चाहिए।

इम्यून विकार करे दूर

यह हमारे शरीर में मौजूद इम्यून सेल्स को स्वस्थ सेल्स में बदल कर ऑटोइम्यून विकारों को दूर करने में सहायक है। काला जीरा हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने में बोन मैरो, नेचुरल इंटरफेरॉन और रोग-प्रतिरोधक सेल्स की मदद करता है। यह थकान और कमजोरी दूर करता है, शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और उसे मजबूत बनाता है।

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पेट की तकलीफ करे दूर

अपने एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण काला जीरा पेट संबंधी कई समस्याओं में लाभकारी है। पाचन संबंधी गड़बड़ी, गैस्ट्रिक, पेट फूलना, पेट-दर्द, दस्त, पेट में कीड़े होना आदि समस्याओं में यह काफी राहत देता है। देर से पचने वाला खाना खाने के बाद थोड़ा-सा काला जीरा खाने से तत्काल लाभ होता है। यह कब्ज दूर कर पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।

सिरदर्द या दांत दर्द में दे आराम

काले जीरे का तेल सिर और माथे पर लगाने से माइग्रेन जैसे दर्द में लाभ होता है। गर्म पानी में काले जीरे के तेल की कुछ बूंदें डाल कर कुल्ला करने से दांत दर्द में काफी राहत मिलती है।

बरतें सावधानी

तासीर में गर्म होने के कारण काले जीरे का इस्तेमाल एक दिन में तीन ग्राम से ज्यादा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। खासकर वे लोग, जिन्हें ज्यादा गर्मी लगती है या हाई ब्लडप्रेशर हो, गर्भवती महिलाओं और 5 साल तक के बच्चों के मामले में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए। बच्चे को तो एक ग्राम से ज्यादा काले जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए। अगर आप काले जीरे के चूर्ण का सेवन कर रहे हैं, तो जरूरी है कि इसे हल्के गर्म पानी के साथ रात में सोने से पहले लें। यानी भोजन के दो घंटे बाद ही इसका सेवन करें और इसके बाद कोई खाद्य पदार्थ न खाएं।

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