कुशीनगर के इस मुद्दों पर जातीय समीकरण में फंसा पेच
भाजपा को मोदी-योगी के भरोसे इस सीट पर दोबारा कब्जा करने की आस है तो कांग्रेस जातिगत समीकरण को अपनी ओर मान रही है। आमने-सामने की लड़ाई को गठबंधन प्रत्याशी ने रोमांचक बना दिया है। भाजपा ने मौजूदा सांसद राजेश पांडेय का टिकट काटकर पूर्व विधायक विजय कुमार दुबे पर दांव लगाया है। विजय वर्ष 2009 में भाजपा से चुनाव हार गए थे। 2012 में पाला बदला और कांग्रेस के टिकट पर खड्डा विधानसभा से विधायक चुने गए।
मतदाताओं और समर्थकों के अपने-अपने तर्क
पडरौना शहर में विजय कुमार मद्धेशिया की मिठाई की दुकान है। वे कहते हैं, भाजपा यह चुनाव मोदी के नाम पर लड़ रही है। लिहाजा प्रत्याशी कौन यह महत्वपूर्ण नहीं है। वहीं, कप्तानगंज क्षेत्र के पटखौली निवासी पुनीत मिश्रा और रामकोला विधानसभा में फरना निवासी सुदामा पांडेय मानते हैं कि राष्ट्रवाद ही सबसे बड़ा मुद्दा है। स्थानीय समस्याएं तो कभी भी सुलझ जाएंगी। हालांकि पडरौना शहर के गोविंद पटेल और कप्तानगंज के भड़सर खास निवासी राजन सिंह एवं अभिषेक अस्थाना की राय अलग है। वे कहते हैं, भाजपा चुनाव में मुद्दे की जगह पाकिस्तान और चौकीदार की बात कर रही है। कांग्रेस उम्मीदवार आरपीएन सिंह आज भी मुद्दों की बात कर रहे हैं। पहले भी मंत्री रहते बहुत सारे कार्य कराए। उन्हें इसका फायदा मिल सकता है। खड्डा क्षेत्र के भैसहां निवासी रिटायर्ड इंस्पेक्टर रुदल प्रसाद आर्या और कप्तानगंज के बसहिया निवासी रामनिवास यादव भाजपा और कांग्रेस की नीति और नीयत को कटघरे में खड़ा करते हैं। अखिलेश यादव के कार्यकाल को विकास का पैमाना मानते हैं और गठबंधन की मजबूती का दावा करते हैं। वहीं, पडरौना के वीर अब्दुल हमीद नगर के रामदुलारे यादव कहते हें, लड़ाई रोमांचक है। जातिगत आधार होने के चलते गठबंधन प्रत्याशी भी किसी कम नहीं है।