कुरूक्षेत्र के बाद अंतरिक्ष बनेगा सबसे बड़े युद्ध का मैदान, ट्रंप ने भी माना

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन उत्तर कोरिया और ईरान की तरफ से मिसाइल हमले के संभावित खतरे से बचाव के मद्देनजर अंतरिक्ष आधारित नई मिसाइल रक्षा प्रणाली पेश करेगा। इसमें चीन और रूस द्वारा विकसित किए जा रहे उन्नत हथियार प्रणाली का जवाब देने के लिए तंत्र भी शामिल होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुरुवार को पेंटागन की यात्रा पर हैं। माना जा रहा है कि इसी दौरान ट्रंप प्रशासन मिसाइल रक्षा समीक्षा जारी करेगा, जिसे 2010 के बाद पहली बार संकलित किया गया है।

ट्रंप प्रशासन की मंशा अंतरिक्ष में एक ऐसे मिसाइल सुरक्षा तंत्र विकसित करने की है, जिससे किसी दुश्मन देश द्वारा मिसाइल के छोड़े जाने से पहले या छोड़े जाने के तुरंत बाद ही उसे रोक लिया जाए। ट्रंप प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या गति यानी स्पीड की है।

रूस और चीन आवाज से कई गुना तेज गति से दागी जाने वाली मिसाइल विकसित कर रहे हैं। इससे बचाव के लिए ट्रंप प्रशासन अंतरिक्ष में एक सेंसर आधारित रक्षा प्रणाली विकसित करने की कोशिशों में जुटा है, जो पहले के मुकाबले त्वरित गति से दुश्मन के मिसाइल को ट्रैक कर उसे मार गिराए।

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अमेरिका किसी भी खतरे से निपटने के लिए उन्नत और अगली पीढ़ी की रक्षा प्रणाली के लिए अंतरिक्ष को महत्वपूर्ण मान रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि युद्ध का अगला युग अंतरिक्ष का होगा।

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