औरैया में दरोगा पर लगा 90 हजार रिश्वत लेने का आरोप, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार

रिपोर्ट :- अश्वनी बाजपेई/औरैया

सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही डीजीपी को सख्त हिदायत दी हो लेकिन इसका असर कही भी देखने को नही मिल रहा है.

ताजा मामला औरैया का है जहां एक ग्राम प्रधान ने एक दरोगा पर 90 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया है और इसकी शिकायत adg व ig के यहां भी कर चुके है लेकिन फिलहाल पुलिस ने जांच के बाद कार्यवाही की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए ।

दरोगा पर आरोप

यूपी के औरैया जनपद के थाना बिधुना कोतवाली में तैनात दरोगा गिरीश चंद्र यादव पर एक महिला ग्राम प्रधान ने अपने पति को छोड़ने के एवज में 90 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया है.

पीड़ित महिला के पति अधिवक्ता है और तहसील में बैनामा इत्यादि का काम करते है ।

घटनाक्रम के अनुसार विगत 11 अप्रैल 2019 को एक बैनामा कराते समय अधिवक्ता / पीड़ित महेंद्र सिंह ने कागजो में संदेह होने पर जांच की जिस पर बैनामा कराने वाले लोग फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर रहे थे.

इसकी सूचना जब पुलिस को दी तो पुलिस ने अधिवक्ता महेंद्र सिंह को अपने साथ उठा ले गए व छोड़ने के एवज में 90 हजार रुपये मांगे न मिलने की स्थिति में 6 माह की जेल की धमकी दी.

जिस पर अधिवक्ता की पत्नी जोकि ग्राम तिलकपुर सहार की प्रधान है ने दरोगा गिरीश चंद्र को 90 हजार रुपये देकर अपने पति को छुड़वाया ।

इस मामले की शिकायत प्रधान व उसके पति ने ig व adg जोन कानपुर के यहां की ताकि उक्त दरोगा के खिलाफ कार्यवाही हो ।

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वही इस मामले में जांच कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जांच के बाद कार्यवाही की बात कही ।

एक तरफ जहां सूबे के मुख्यमंत्री भले ही सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए डीजीपी को सख्त करें या कोई कार्यवाही करें लेकिन इसका असर जनपदों में दिखाई नही पड़ता क्योकि जनपद के दारोगा खाकी की आड़ में जब इस तरह का कृत्य करेंगे तो कैसे सुधरेगी यूपी की पुलिस ? आखिर कैसे सुधरेंगे पुलिस और जनता के बीच संबंध ? आखिर क्या कार्यवाही होगी ऐसे दरोगा पर ?

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