ऐसे होती है देश के सबसे खौफनाक कमांडोज की ट्रेनिंग, जानकर काँप जाएगी रूह…

किसी भी देश की सेना उस देश का मोर्चा संभालती है। वहां के नागरिकों की रक्षा करती है। अपने घर-परिवार और आराम की जिंदगी से दूर रहकर सैनिक कठिन संघर्ष करते हैं।

वाकई में असली हीरो तो यही है। किसी भी इंसान की जिंदगी में जब उसे यह ख्याल आता है कि वह सेना में भर्ती होना चाहता है, मान लीजिए तब से ही उसकी जिंदगी का सबसे कठिन दौर शुरू होने वाला होता है क्योंकि सेना में भर्ती होने से पहले या सेवा के दौरान उन्हें जिस तरह का अभ्यास करना पड़ता है उसके बारे में हम अंदाजा तक नहीं लगा सकते हैं।

ऐसे होती है देश के सबसे खौफनाक कमांडोज की ट्रेनिंग

आज हम आपको एशिया के सबसे खतरनाक मिलिट्री ट्रेनिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद किसी भी देश के सेना के प्रति आपका सम्मान और भी बढ़ जाएगा।

हम यहां बात कर रहे हैं कोबरा गोल्ड के बारे में, जो एशिया में होने वाले सबसे बड़े मिलिट्री ट्रेनिंग में से एक है। 10 दिन तक चलने वाले इस ट्रेनिंग में कमांडोज को हर परिस्थिति में सर्वाइव करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

थाईलैंड के तटीय इलाकों में होने वाले इस अभ्यास में हर साल अमरीका, थाईलैंड और अन्य देशों के कमांडोज भाग लेते हैं।

इस अभ्यास में सैनिकों को बताया जाता है कि, बिच्छुओं और सांपों को खाने से पहले उनमें से विषैली थैलियों को कैसे हटाया जाता है। इसके साथ ही सैनिकों को जंगल में खाने लायक पौधों की पहचान करने और विषम परिस्थितियों में पीने के लिए पानी ढूंढने की भी ट्रेनिंग दी जाती है।

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कमांडोज इस दौरान दुनिया के सबसे जहरीले सांप किंग कोबरा का सिर काटकर उसका खून पीते हैं। कच्चा मांस खाते हैं। बिच्छुओं को पकड़कर उसे निगलते हैं।

इस साल 37वीं बार इस सैन्य अभ्यास को आयोजित किया गया तो इसमें कुल 6800 अमरीकी सोल्जर शामिल हुए। थाईलैंड के चोन्बुरी प्रांत में स्थित एक नेवी बेस पर इस अभ्यास का आयोजन किया जाता है। इसमें थाईलैंड के मिलिट्री ट्रेनर्स मौजूद रहते हैं। बता दें, यह अभ्यास ‘जंगल सर्वाइवल प्रोग्राम’ का एक अहम हिस्सा है।

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