जेल से रिहा आजम खान को अखिलेश ने दी बड़ी जिम्मेदारी: बिहार चुनाव में सपा के स्टार प्रचारक, 20 नामों की लिस्ट जारी

समाजवादी पार्टी (सपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए शुक्रवार को अपने 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी, जिसमें जेल से हाल ही में रिहा हुए वरिष्ठ नेता आजम खान का नाम प्रमुखता से शामिल है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है।

सपा ने बिहार में खुद कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार करेगी। यह कदम आजम खान के मुस्लिम समुदाय में प्रभाव को मजबूत करने और पार्टी को अल्पसंख्यक वोटबैंक से जोड़ने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

सूची में अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव, आजम खान, किरणमय नंदा, अवधेश प्रसाद, बाबू सिंह कुशवाहा, नरेश उत्तम पटेल, रमाशंकर विद्यार्थी राजभर, लालजी वर्मा, छोटेलाल खरवार, राजीव राय, सनातन पांडेय, लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद, विधायक तेज प्रताप सिंह यादव, ओम प्रकाश सिंह, सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष काशीनाथ यादव और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सोलंकी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी का नाम भी प्रचारकों में है। ये सभी स्टार प्रचारक महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वामपंथी दल और मुकेश सहनी की वीआईपी) के उम्मीदवारों के लिए चुनावी माहौल बनाएंगे।

आजम खान की जेल से रिहाई के बाद यह उनकी पहली बड़ी जिम्मेदारी है। 10 बार विधायक रह चुके आजम खान को सपा ने राष्ट्रीय महासचित्र के रूप में बहाल किया है, और बिहार में उनका प्रचार मुस्लिम वोटों को मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है। लोकसभा चुनावों में सपा की सफलता के बाद आजम की वापसी पार्टी के लिए रणनीतिक महत्व रखती है। सूची में शिवपाल सिंह यादव और राम गोपाल यादव जैसे चाचा गणों का नाम न होने से परिवारिक कलह के संकेत मिले हैं, जो अखिलेश की सेंट्रलाइज्ड कमांड को दर्शाता है।

बिहार चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर 1,302 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। मुख्य मुकाबला एनडीए (बीजेपी-नीतीश गठबंधन) और महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वामपंथी-वीआईपी) के बीच है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के अकेले उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। सपा का प्रचार महागठबंधन को मजबूत बनाने पर केंद्रित रहेगा।

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