यूरोप में दुष्कर्म के लिए बने कानून में बदलाव की जरूरत : एमनेस्टी

लंदन। यूरोप में दुष्कर्म के लिए बने कानून खतरनाक और पुराने हो चुके हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल की नई रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार रात जारी हुई रिपोर्ट में पाया गया कि 31 यूरोपीय देशों में से केवल आठ देशों आयरलैंड, ब्रिटेन, बेल्जियम, साइप्रस, जर्मनी, आइसलैंड, लक्जमबर्ग और स्वीडन ने ही बिना सहमति के यौन संबंधों को दुष्कर्म करार देते हुए कानून बना रखे हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल

एमनेस्टी ने कहा कि यूरोप में अधिकतर देशों ने दुष्कर्म को केवल शारीरिक हिंसा, धमकी या जोर-जबरदस्ती के रूप में मान्यता दी हुई है। संस्था ने कहा कि कुछ देशों ने बिना सहमति के यौन संबंधों को एक अलग, कम गंभीर अपराध के रूप में वर्गीकृत किया हुआ है।

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क्रोएशिया में दुष्कर्म के दोषी को अधिकतम 10 साल कैद, जबकि बिना सहमति के यौन संबंधों के लिए अधिकतम पांच साल कैद हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि माल्टा में यौन अपराध कानून को परिवारों के अच्छी स्थिति को प्रभावित करने वाले अपराध के संदर्भ में बनाया गया है।

पश्चिमी यूरोप व महिला अधिकारों पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की शोधकर्ता एना ब्लस ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, “बिना सहमति के यौन संबंध दुष्कर्म हैं, बस खत्म।”

उन्होंने कहा, “जब तक सरकार इस साधारण तथ्य के साथ अपना कानून नहीं बनाती है तब तक दुष्कर्म के अपराधी अपने अपराधों से बचते रहेंगे और भागना जारी रखेंगे।”

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एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा यूरोपीय यूनियन एजेंसी फॉर फंडामेंटल राइट के 2014 के आंकड़ों के किए गए विश्लेषण के मुताबिक, अकेले यूरोपीय यूनियम में 15 वर्ष की उम्र से अधिक की अनुमानित 90 लाख महिलाओं यानी की 20 महिलाओं में से कम से कम एक के साथ दुष्कर्म हुआ है।

शुक्रवार की रिपोर्ट के मुताबिक, कई देश अभी भी सहमति आधारित दुष्कर्म कानून पर भी अपराधियों को दोषी ठहराने में संघर्ष कर रहे हैं।

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