
दो अलग-अलग विचारधारा आज एक ही मंच पर साथ आ गए हैं. शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने जब से एनसीपी से हाथ मिलाया है तब से वह एनसीपी की ही बात मान रहे हैं या यूं कहे कि उनके मुरीद हो गए हैं. जिसके बल पर एनसीपी को महा विकास आघाड़ी की जिम्मदारी सौंप दी है.

पार्टी के मुख्य पत्र सामना में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन को बनाने में पवार की कोशिशों की जमकर प्रशंसा की गई है. अपने भतीजे अजित पवार को भाजपा खेमे से वापस लाने का श्रेय शरद को देते हुए मुख पत्र में उन्हें राज्य के सियासी ड्रामे का मैन ऑफ द मैच बताया. इसमें कहा गया है कि शरद पवार जैसा मजबूत और अनुभवी मार्गदर्शक हमारे साथ हैं. यह सरकार किसी के खिलाफ किसी भी गलत मंशा से काम नहीं करेगी.
आखिर प्रेस कॉन्प्रेंस के दौरान क्यों भड़के ठाकरे, एनसीपी नेता ने दिया जवाब
पत्र में लिखा है कि राज्य का मौजूदा माहौल और लोगों में ठीक उसी तरह की खुशी है जैसे सारे देश में 15 अगस्त 1947 को आजादी के वक्त थी. इसमें लिखा गया है कि ऐसे वक्त में जब सारे देश के प्रमुख नेता दिल्ली की सरकार के आगे नतमस्तक हो रहे हैं, वैसे वक्त में उद्धव ठाकरे झुके नहीं. उन्होंने अपने सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया और झूठ बोलने वाले लोगों के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.




