उत्तराखंड में बिना किताबों के स्कूल जाने को मजबूर नन्हें नौनिहाल

हरिद्वार जिले में करीब 30 हजार बच्चे बगैर किताबों के स्कूल जाने को मजबूर हैं। अभी तक उनके बैंक खाते नहीं खुले हैं। इससे उन्हें डीबीटी फायदा नहीं मिल पा रहा है और खाते में पैसा न पहुंचने की वजह से वह किताबें नहीं ले पा रहे हैं। खाता न खुलने के पीछे वजह पैन कार्ड बताई जा रही है। पैन कार्ड के बिना बैंक अब खाता नहीं खोलता है। डीएम के बगैर पैन कार्ड लिए बच्चों का खाता खोलने के निर्देश भी ताक पर हैं।

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इन हालात से अधिकारी परेशान हैं। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों बैंकों की ऐसी कई शाखाओं को चिन्हित भी किया था। दरअसल, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को किताबें दी जाती हैं। पहले बच्चों को स्कूल से ही किताबें दिए जाने की व्यवस्था थी, लेकिन पिछले साल योजना में बदलाव कर बच्चों के बैंक खातों में पैसा भेजने की व्यवस्था शुरू की गई, ताकि बच्चा या उसके अभिभावक बैंक से पैसे निकालकर पुस्तक खरीद सकें।

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शिक्षा विभाग ने बड़े पैमाने पर बच्चों के खाते खुलवाए, लेकिन अभी भी हजारों बच्चे खाते खुलने की राह देख रहे हैं। नया सत्र शुरू हुए दो महीने होने को है, ऐसे में बच्चे बगैर किताब स्कूल पहुंच रहे हैं। जिन बच्चों के बैंक खाते नहीं खुले हैं उनमें सबसे अधिक बहादराबाद ब्लॉक में हैं। इनकी संख्या 12 हजार से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे कक्षा एक से लेकर कक्षा पांच तक के हैं।

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