इस पारदर्शी शिवलिंग के दर्शन से होगी सारी मनोकामनाएं पूरी, अंग्रेज भी थे शिव भगवान के भक्त

अगर जिन्दगी में जब कुछ चाहना होता है तो सभी कहते है भगवान भोलेनाथ से मांगो भगवान भोले नाथ बड़े भोले है वह अपने भक्तों की मनोकामना जल्द सुन लेते है । भगवान भोले नाथ के तो अनेको नाम है कोई उन्हें शिव शंकर कहता है तो कोई उन्हें देवो के देव महादेव कहता है। लेकिन भगवान भोले नाथ का एक अद्भुत शिवलिंग कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड के मसनोडीह में स्थिति है। इस शिवलिंग की मान्यता है कि यह ठोस पत्थर का होने के बावजूद पारदर्शी है। पारदर्शी शिवलिंग होने के कारण इस मंदिर की प्रसिद्ध बड़ती जा रही है।

सन् 1850 में वर्तमान के नवादा जिला का अंतर्गत बारतगढ़ इस्टेट के जमींदार धर्म नारायण सिंह के द्वारा इस शिवलिंग को स्थापित किया गया था। मसनोडीह के निवासी दीपक सिंह बताते है कि उनके पूर्वज धर्म नारायण सिंह को डेढ़ दशक पहले भगवान भोले उन्हे स्वपन मे दिखाई दिये थे और मसनोदीह से थोड़ी दूर ही चंचाल पहाड़ी क्षेत्र मे होने की बात उन्हे स्वपन में बताई थी ।

अगले ही दिन इसी स्थान पर उन्हे यह शिवलिंग के आकार का पत्थर मिला था । इसके बाद पूरे विधि-विधान के व मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग रूपी स्फटिक पत्थर को लाया गया और यहां स्थापित किया गया।

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