इलाहाबाद  विवि के कुलपति को एचआरडी मंत्रालय को नोटिस जवाब मांगा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हंगलू की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रशासनिक और आर्थिक अनियमितता के आरोपों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें शिक्षक भर्ती में अनियमितता का मामला भी शामिल है। इस कारण नोटिस में लिखा है कि क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। मंत्रालय ने दस दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने का भी निर्देश दिया है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय

खास बात यह है कि मंत्रालय ने यह कारण बताओ नोटिस केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मार्च 2019 में भेजे निर्देश के तहत दिया है। इसमें विजिटर ने जांच के लिए कुलपति को छुट्टी पर भेजने की बजाय फाइल मंत्रालय को लौटाते हुए पहले कुलपति प्रो. हंगलू को कारण बताओ नोटिस भेजने के साथ उनका पक्ष लेने की सलाह दी थी।

सूत्रों के मुुताबिक, सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति प्रो. हंगलू को तीसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 2016 में पहली बार कुलपति प्रो. हंगलू के खिलाफ शिकायतों की जांच शुरू हुई थी। हालांकि दो साल में मंत्रालय की तीन कमेटियां विश्वविद्यालय में जांच कर चुकी हैं। इसी के तहत अक्तूबर 2018 में मंत्रालय ने राष्ट्रपति को विभिन्न मामलों की जांच के लिए विजिटर जांच कमेटी गठित करने से पहले कुलपति प्रो. हंगलू को छुट्टी पर भेजने की अनुमति संबंधी फाइल केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी थी।

हालांकि मार्च में विजिटर ने मंत्रालय की मांग को ठुकरा दिया। इसी के तहत विजिटर ने मंत्रालय को फाइल में विशेष नोटिंग लिखी कि किसी कुलपति को छुट्टी पर भेजने से पहले मंत्रालय को कुलपति को कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहिए, उनका पक्ष भी लेना जरूरी है। बिना उनका पक्ष जाने किसी जांच के लिए कुलपति को इस तरह से छुट्टी पर नहीं भेजा जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, कुलपति के पास जवाब देने के लिए 10 दिन का समय है। उनका जवाब आने के बाद उसे हंगलू की वर्तमान फाइल में जोड़ दिया जाएगा। हालांकि ये फाइल फिर राष्ट्रपति के पास भेजनी है या नहीं, इसका फैसला नई सरकार के गठन के बाद होगा।

LIVE TV