इमरान खान ने कहा- गुगली नहीं, भारत के साथ संबंध बनाने का गंभीर प्रयास था

इस्लामाबाद। हाल ही में हुए करतारपूर में एक ऐतिहासिक समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण भेजा गया था लेकिन किन्हीं कारणों से भारत कुछ मंत्रियों को भेजा गया था। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा था भारत इमरान की गुगली में फस गया है और उसे अपने मंत्रियों को भेजना पड़ा।

लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की गुगली टिप्पणी को यह कहते हुए सोमवार को खारिज कर दिया कि करतारपुर गलियारे को खोलना कोई दोहरा खेल नहीं है, बल्कि यह भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों को विकसित करने का एक गंभीर प्रयास है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, खान ने राजधानी में टीवी एंकरों और संवाददाताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि करतारपुर का ऐतिहासिक समारोह एक शांति की पहल था। यह एक गंभीर प्रयास था। इसीलिए भारतीय मंत्रियों को निमंत्रण दिया गया था। यह गुगली हरगिज नहीं था।

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प्रधानमंत्री इमरान ने करतारपुर गलियारे को विकसित करने के लिए 28 नवंबर को एक ऐतिहासिक समारोह आयोजित किया, जिस मौके पर भारतीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी और कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। यह गलियारा करतारपुर गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से जोड़ेगा।

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जिस पर कुरैशी ने बाद में कहा था कि खान ने करतारपुर सीमा को खोलने की पहल कर भारत को एक गुगली पेश की। उन्होंने यह बात तब कही, जब इसके पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने यह कहते हुए पाकिस्तान के साथ किसी भी संवाद की बात खारिज कर दी कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।

बाद में दोनों विदेशमंत्रियों ने इस मौके को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का एक-दूसरे पर आरोप लगाए। खान ने सोमवार को यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए बचनबद्ध है।

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