‘इंटरकोर्स’ का मतलब नहीं जानता सेंसर बोर्ड : शाहरुख खान

इंटरकोर्समुंबई : सुपरस्टार शाहरुख़ ख़ान ने अपनी आगामी फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के डायलॉग पर सेंसर बोर्ड यानी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की आपत्ति पर कहा कि उसने इंटरकोर्स शब्द को गलत समझा है। इससे पहले सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी ने निर्माताओं से कहा था कि वह फिल्म के एक छोटे हिस्से में इस्तेमाल हुए ‘इंटरकोर्स’ शब्द को हटा दें। इसके बाद उन्होंने मीडिया हाउस से कहा कि अगर निर्माता इस शब्द के समर्थन में एक लाख वोट हासिल कर लेते हैं तो वह इसे हरी झंडी दे देंगे।

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शाहरुख से सोमवार रात जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “जिस तरह लोगों ने हमारे समर्थन में वोट दिया, मैं महसूस करता हूं कि इसी तरह वह हमारी फिल्म को देखने भी आएंगे। मैं बहुत खुश होऊंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि सीबीएफसी ने शब्द के संदर्भ को गलत समझा है। हम सीबीएफसी का बहुत सम्मान करते हैं। यह हमारा विभाग है। वह अपना काम कर रहे हैं और हम अपना। जहां तक उस सीन का संबंध है, मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक है।”

शाहरुख खान, इम्तियाज अली, अनुष्का शर्मा ने सोमवार को ‘बीच बीच मे’ गाने को लॉन्च किया। यह इनकी आगामी फिल्म का गीत है जिसकी पृष्ठभूमि क्लब है।

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क्लब के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर शाहरुख ने कहा, “मैं बहुत ज्यादा क्लब नहीं गया। जब मैं दिल्ली में था, तब मेरे पास क्लब जाने के लिए उतने पैसे नहीं थे और जब मैं अभिनय के लिए मुंबई आया और स्टार बन गया तो मुझे यहां क्लब जाने के अवसर नहीं मिले। मैंने जितनी भी क्लबिंग की, वह इम्तियाज अली की फिल्म की शूटिंग के दौरान की।”

अपने गीत ‘बीच बीच में’ के बारे में शाहरुख ने कहा, “बीच बीच में क्लब की पृष्ठभूमि पर आधारित एक गाना है। यह गीत सेजल और हैरी के पब्स, नाइट क्लब और बार में अपने मित्रों के साथ जश्न मनाने के वक्त होता है। इसलिए हमारी टीम ने सोचा कि अगर हम इसे लॉन्च करने के लिए किसी क्लब में जाएंगे तो यह ज्यादा अच्छा होगा।”

‘जब हैरी मेट सेजल’ 4 अगस्त को रिलीज होने जा रही है।

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