अपनी इन मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा, उग्र हुआ आंदोलन…

रिपोर्ट – कुलदीप राणा आाजाद

रूद्रप्रयाग। पिछले चालीस दिनों से अपनी छः सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलनररत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का गुस्सा अब उग्र होने को ललायित है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के इसआन्दोलन पर सरकार की चुप्पी अब इतनी चुबने लगी है कि महिलाओं का अब तक का शांत आन्दोलन सड़कों पर फूटने वाला है।

आंगनबाड़ी

इन जोशीले नारों के आगे पहाड़ों में हाड़ कपाती शीतलहर भी गर्म नजर आ रही है। महिलाओं का आक्रोश दिन-प्रतिदिन उग्र होता जा रहा है। जिन महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के भरोसे भविष्य के कर्णधारों की नींव रखने का जिम्मा है, वे पिछले चालीस दिनों से अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन कर रहे हैं। लेकिन जिस सालीनता से वे अब आन्दोलनरत थे उस पर सरकार की चुप्पी और उदासीनता इन महिलाओं के सब्र को ललकार रहे हैं।

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ऐसे में आन्दोलन की यह चिंगारी ज्वाला बनकर सड़कों पर उग्र प्रदर्शन के लिए तैयार है। रूद्रप्रयाग जनपद के तीनों विकासखण्डों में पिछले चालीस दिनों से आँगनबाड़ी व मिनी आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों सम्मानजनक मासिक वेतन समेत छः सूत्रीय मांगों को लेकर कार्यबहिष्कार पर हैं।

आँगनबाड़ी सेविकाओं का साफ तौर पर कहना है कि जितना कार्य उनसे करवाया जा रहा है उसके हिसाब से उनका मानदेय एक दैनिक मजदूरी करने वाले से भी तीन गुना कम है। जिस देश और प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें होती हो वहां महिलाओं के साथ ऐसा भेदभाव सरकार की कथनी और करनी को स्पष्ट दर्शाती है।

 

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