अब facebook पर कोई नहीं बना पायेगा आपके नाम से फर्जी अकाउंट, बस करना होगा ये काम…

अब फेसबुक पर कोई अन्य व्यक्ति आपके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर जाली अकाउंट नहीं बना पाएगा। फेसबुक ऐसा फीचर लाने जा रहा है जिससे आपके नाम और फोटो को यूज कर जाली अकाउंट बनाने वाला व्यक्ति तुरंत पकड़ा जाएगा।

फेसबुक के मुताबिक यह फीचर महिला उत्पीडऩ को रोकने के लिए लाया जा रहा है।

जब फेसबुक इस बात का पता लगा लेगा कि कोई अन्य यूजर आपके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर अकाउंट बना सकता है तो वह आपको तुरंत अलर्ट कर देगा। इसके तहत फेसबुक आपको नोटिफिकेशन भेजेगा।

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इसमें आपको यह जानकारी दी जाएगी कि कोई अन्य यूजर आपके नाम और प्रोफाइल पिक्चर का इस्तेमाल कर जाली अकाउंट बना रहा है।

इसके बाद आपको यह बताना होगा कि जो प्रोफाइल सवालों के घेरे में है वह आपकी निजी सूचनाओं के आधार पर बनी है या वह किसी अन्य से जुड़ी है जो आपके नाम से जाली अकाउंट नहीं बना रहा है।

फेसबुक का नोटिफिकेशन प्रोसेस ऑटोमेटेड होगा। फेसबुक की टीम उन सभी प्रोफाइल्स की मैन्युअली समीक्षा करेगी जो सवालों के घेरे में हैं। फेसबुक ने यह फीचर नवंबर में टेस्ट किया था। यह 75 फीसदी दुनिया में लाइव हो चुका है।

फेसबुक के ग्लोबल सेफ्टी प्रमुख एंटिगोन डेविस के मुताबिक इस फीचर की उपलब्ध का निकट भविष्य में एक्सपेंड करने की है। हालांकि फेसबुक के लिए इम्पर्सनेशन(पररूपधारण)पर कोई फैली हुई समस्या नहीं है।

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हालांकि यह फेसबुक प्लेटफॉर्म पर उत्पीडऩ का स्रोत है और फेसबुक की बहुकालीन पॉलिसी इसके खिलाफ है।

फेसबुक यह फीचर खासतौर पर महिलाओं के लिए ला रहा है ताकि उसके प्लेटफॉर्म पर होने वाले महिला उत्पीडऩ को रोका जा सके और फेसबुक यूज करते वक्त महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें।

इस फीचर को लाने से पहले फेसबुक ने यूजर्स,गैर सरकारी संगठनों,सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य समूहों से राउंडटेबल चर्चाएं की थी।

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इसका मकसद था कि प्राइवेसी और सेफ्टी जैसे मसलों को उसका फ्लेटफॉर्म का कैसे अच्छे तरीके से एड्रेस कर सकता है।

फेसबुक के ग्लोबल सेफ्टी के प्रमुख एंटिगोन डेविस का कहना है कि दुनिया के निश्चित क्षेत्रों की कुछ महिलाओं के लिए इम्पर्सनेशन चिंता का विषय है क्योंकि वहां निश्चित सांस्कृतिक और सामाजिक जटिलताएं हैं।

डेविस के मुताबिक इम्पर्सनेशन अलर्ट्स दुनिया भर में फेसबुक यूज करने वाली महिलाओं को और सुरक्षित महसूस कराने की कोशिशों का हिस्सा है।

इस दौरान जो फीडबैक मिला उसी के आधार पर यह फीचर लाने का फैसला हुआ।

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