अब पुरानी गाड़ी खरीदना पड़ेगा महंगा, जल्द ही बढ़ सकती है रजिस्ट्रेशन फीस

अब साल 2000 से पुरानी गाड़ी खरीदना जेब के लिए महंगा साबित हो सकता है। सरकार से एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसके तहत ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले साल 2000 से पहले की रजिस्टर्ड गाड़ियों को धीरे-धीरे सड़कों से फेज आउट करना है। सरकार खासतौर पर कॉमर्शियल व्हीकल्स पर विशेष नजर रखेगी।

रजिस्ट्रेशन फीस 

पेट्रोल और डीजल दोनों तरह के वाहनों पर लागू

इस प्रस्ताव के तहत साल 2000 से पुराना व्हीकल खरीदने पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव में 15 से 20 फीसदी ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस का सुझाव दिया गया है। य़ह फीस दोबारा से रजिस्ट्रेशन कराने वाले पेट्रोल और डीजल दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगी।

प्रस्ताव अगले 3 से 4 महीने में लांच!

एक स्टडी के मुताबिक नई गाड़ियों के मुकाबले पुराने वाहन 25 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। खबरों के मुताबिक वॉलंटरी स्क्रैपिंग स्कीम में पुराने कॉमर्शियाल वाहनों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को अगले 3 से 4 महीने में लांच किया जा सकता है।

आर्थिक मदद देने की योजना

प्रस्ताव के तहत स्वैच्छा से पुराने वाहनों को नष्ट करके नया वाहन खरीदने वालों को सरकार कुछ आर्थिक मदद देने की योजना बना रही है। वहीं सरकार पुराने व्हीकल्स खरीदने वालों के लिए नियम कड़े करने जा रही है। प्रस्ताव में यह भी शामिल है कि अगर खरीदार पुराने वाहन को स्क्रैप में बदलने का सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी खरीदने पर उसके रजिस्ट्रेशन में छूट दी जा सकती है। साथ ही, सरकार स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने वालों को नई गाड़ी खरीदने पर डिस्काउंट देने के लिए वाहन निर्माताओं से भी बात कर रही है।

शहर में नहीं घुस पाएंगे पुराने वाहन

सरकार ने इस बारे में राज्य सरकारों से भी स्क्रैप प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए विचार-विमर्श किया है। साथ ही निश्चित आबादी वाले शहरों में पुराने वाहनों को अंदर घुसने से रोकने के लिए कड़े नियम बनाने के लिए कहा है।

साल में दो बार फिटनेस टेस्ट कराने की तैयारी

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस टेस्टों की संख्या बढ़ाने को कहा है। फिलहाल साल में एक बार ही फिटनेस टेस्ट का प्रावधान है। अगर साल में दो बार फिटनेस टेस्ट का प्रावधान किया जाता है, तो इसका जबरदस्त असर पड़ सकता है और लोग आरटीओ जाना पसंद नहीं करेंगे। मौजूदा नियमों के मुताबिक वाहनों का 15 साल के पंजीकरण होता है और दोबारा पंजीकरण अगले 5 साल के लिए ही कराया जा सकता है।
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