अब खत्म हो जायेगा डीजल कारों का क्रेज, लेकिन फिर भी मारुति रहेगी नंबर 1

देश की नंबर एक कार कंपनी मारुति सुजुकी ने 2020 से डीजल कारें न बनाने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति और डीजल कारों के वजूद को लेकर बहस तेज हो गई है। दरअसल मारुति का डीजल कार सेगमेंट में दबदबा था अब जबकि कंपनी ने इनका प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया है।

मारुति के इस डिसीजन के बाद सबसे पहले सवाल ये आता है कि मारुति के इस डिसीजन का मतलब क्या है? क्या भविष्य में डीजल कारें दिखनी बंद हो जाएंगी अगर ऐसा होगा तो डीजल कारों की जगह कौन सी कारें लेंगी।

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दरअसल मारुति सुजुकी के डिसीजन के अलाव कई कारण है जिसकी वजह से डीजल कारों से लोगों का मोहभंग हो रहा था । लेकिन मारुति के फैसले के बाद माना जा रहा है कि छोटी कारों में डीजल कारों का दौर खत्म हो जाएगा

भविष्य में डीजल कारें शायद ही दिखें दरअसल बीतें कुछ सालों में जिस तरह से डीजल कारों की बिक्री घटी है उसे देखकर ऐसा कहना गलत नहीं होगा। 2012 में जहां कुल कारों का 47 फीसदी हिस्सा डीजल कारों का होता था वहीं 2018 में ये घटकर मात्र 23 फीसदी ही रह गया है।

इसकी दूसरी बड़ी वजह है सरकारी नियम, दरअसल नियमों में बदलाव के बाद 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारें चलाने पर सरकार रोक लगा रही है यानि डीजल कारें कितनी भी अच्छी कंडीशन में हो दस साल के बाद आप उन्हें नहीं चला सकते हैं।

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पेट्रोल और डीजल के प्राइस में अंतर अब बस नाम मात्र का रह गया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो एक लीटर डीजल खरीदने पर आपको लगभग 7 रुपए का फायदा होता है लेकिन डीजल की वजह से आपकी कार और पर्यावरण को नुकसान पेट्रोल के मुकाबले कई गुना होता है।

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