… इस वजह से दिल्ली में जल्द से जल्द कुछ अधिकारी किए जाएंगे रिटायर

भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने कैबिनेट मंत्रियों को सभी विभागों के ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि उन्हें जबरन सेवानिवृत्त किया जा सके।

अधिकारी

इन अधिकारियों को सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत केंद्र सरकार की तर्ज पर जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा।

केजरीवाल ने वर्ष 2013-14 में 49 दिन की सरकार के दौरान भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जैसी एजेंसियां नहीं हैं, इसलिए वह भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को केवल उपराज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। ऐसे मामलों में खुद कार्रवाई नहीं कर सकती।

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सरकार का मानना है कि भ्रष्ट अधिकारी लोगों के लिए बनाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं को बर्बाद करते हैं और जनता के हक के पैसों से अपना घर भरते हैं।

पिछले साढ़े चार वर्ष के दौरान दिल्ली सरकार के संज्ञान में ऐसे कई अधिकारी आए हैं, जिन्होंने लोक कल्याणकारी नीतियों का विरोध किया। सरकार के सूत्रों का कहना है कि कई ऐसे अधिकारी जानकारी में हैं, जिन्होंने कल्याणकारी नीतियों को लागू करने से बेवजह इनकार कर दिया।

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