संविदाकर्मियों के बीच पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ लक्ष्मण मेला मैदान में सभी विभागों के संविदाकर्मियों और निशक्तजनों की अधिकार दिलाओ रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, संविदाकर्मियों को जितना कम मानदेय मिलता है, उससे पीड़ा होती है। यह जिस्म का पसीना बहाने वालों की रैली है। इसलिए इसमें आया हूं। पैसे से पसीना पैदा नहीं होता, पसीने से पैसा पैदा होता है।
राज्य सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा, जो हुकूमत गरीबों के पसीने की कीमत नहीं समझती, उनकी इज्जत नहीं करती, उसे सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।
उन्होंने संविदाकर्मियों की आवाज उठाने के लिए मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर की सराहना की। कहा, कौशल में गरीबों की समस्याओं को लेकर तड़प रहती है।
संविदाकर्मियों के लिए नीति बनाए राज्य सरकार
राजनाथ ने कहा कि संविदाकर्मियों के लिए नीति और मानदंड क्या हों, राज्य सरकार को इस पर फैसला करना चाहिए। कोई संगठन ज्यादा मांग कर सकता है, उनके प्रतिनिधियों को बुलाकर बात करें। कोशिश करनी चाहिए उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीने लायक पैसा दिया जाए।
कहा, राज्य सरकार से बात करूंगा
गृहमंत्री ने कौशल किशोर से कहा, हमें बहुत सारे ज्ञापन मिले हैं। इनका अध्ययन कर लीजिए, इनमें क्या और कैसे करना है, बैठकर फैसला कीजिए। यह भी देखिए कि जो अभियान शुरू किया है, उसे कैसे चलाना है। संविदाकर्मियों की मांगों पर मैं राज्य सरकार से बात करूंगा।
कभी छल की राजनीति नहीं की
उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, यदि मैंने कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर गलत कहा हो तो अखबार में छाप देना, स्वीकार कर लूंगा। मैं मुख्यमंत्री रहा हूं। मैंने कभी छल की राजनीति नहीं की। जनता की आंखों में झूल झोंककर नहीं, आंखों में आंख डालकर राजनीति की है।