
बलरामपुर अस्पताल में महिला कर्मी से सुपरवाइज द्वारा 42 हजार रुपए वसूलने के मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। 3 सदस्यीय टीम को मामले में जांच कर रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि अस्पताल के दो सुपरवाइजरों पर आउटसोर्स कर्मचारी से पदोन्नति कराने के नाम पर 42 हजार रुपए वसूलने का आरोप लगा है। पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को स्पीड पोस्ट के जरिए शिकायत भेजी है। साथ ही 10 रुपए के शपथ पत्र पर अस्पताल प्रशासन को भी प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
खदरा के शिवनगर निवासी फूलमती शुक्ला ने बताया कि वह वर्ष 2007 से बलरामपुर अस्पताल में सुरक्षाकर्मी के पद पर कार्यरत थीं। वर्ष 2023 में वंशिका कंपनी के माध्यम से आउटसोर्स पर नौकरी कर रही थीं। अगस्त 2024 में अस्पताल के सुपरवाइजर मुकेश जोशी और गजानन मिश्रा ने उन्हें बुलाया और कहा कि अगर वह सुरक्षाकर्मी से वार्ड आया बनना चाहती हैं तो ₹90,000 देने होंगे।
90 हजार नहीं दे पाई तो 42 हजार में तय हुआ सौदा
फूलमती ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, तो सुपरवाइजरों ने 42 हजार रुपए में ‘डील’ तय कर ली। फूलमती ने घरवालों से मदद लेकर ₹42,000 नकद आरोपितों को दे दिए। लेकिन एक महीने बाद भी न तो पदोन्नति मिली, न वेतन में कोई बढ़ोतरी हुई।
पैसे मांगे तो उल्टा नौकरी से हटवा दिया
फूलमती ने जब रुपए लौटाने की बात कही तो आरोपितों ने ऑनलाइन भुगतान का आश्वासन दिया, लेकिन पैसे वापस नहीं किए। इतना ही नहीं, जब उसने शिकायत की बात कही तो दोनों सुपरवाइजरों ने अस्पताल प्रशासन से मिलकर उसकी नौकरी ही खत्म करवा दी।
अफसर हमारे आदमी हैं’— धमकी देकर चुप कराते रहे
पीड़िता का कहना है कि दोनों सुपरवाइजर उसे धमकाते रहे कि अधिकारी उन्हीं के परिचित हैं। “हम सबको पैसा कमवाते हैं, कोई तेरी नहीं सुनेगा… उल्टा तुझे ही जेल भेज देंगे,”— ऐसा कहकर वे उसे डराते रहे।
सीएम, स्वास्थ्य मंत्री को भेजी शिकायत, वीडियो भी वायरल
फूलमती ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को स्पीड पोस्ट से भेजी है। साथ ही 10 रुपए के शपथ पत्र पर अस्पताल प्रशासन को भी दी है। पीड़िता ने अपने बयान का एक वीडियो भी वायरल किया है, जिसमें उसने न्याय और नौकरी बहाल करने की मांग की है।
अस्पताल के सीएमएस हिमांशु चर्तुवेदी ने बताया की दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।





