श्री रामालय ट्रस्ट के सचिव अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने की कुछ ऐसी टिप्पणी

अयोध्या(1दिसंबर) श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर तैयार किए गए मॉडल पर श्री रामालय ट्रस्ट के सचिव अविमुक्तेश्वरानंद के टिप्पणी पर जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वति और विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाए जाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।राम जन्मभूमि को सोने से बनाने वालों के लिए मथुरा- काशी भी है।अयोध्या मे यहां शिलाओं से ही निर्माण होने दीजिए।

राम मंदिर पर बयान

अयोध्या पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने श्रीरामालय ट्रस्ट द्वारा किए गए दावों को कपोल कल्पित बतातेेेे हुुुए कहां की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि भारत सरकार ट्रस्ट बनाये वही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा। उसी के अनुसार मंदिर का निर्माण होगा।

उन्हो ने कहा कि श्री रामालय ट्रस्ट एक व्यक्तिगत संस्था है। उससे हिन्दू समाज का कोई संबंध नही है। वह एक राजनैतिक स्पर्धा है।वहीं श्रीराम जन्मभूमि न्यास  द्वारा तैयार मॉडल का समर्थन करते हुए कहा कि भारत का प्रत्येक नागरिक इस माडल से समर्पित हो चुका है। और यही मॉडल का प्रारूप जन-जन के हृदय मे अंकित है।इसलिए इसी मॉडल से बनाना चाहिए राम मंदिर। लेकिन मॉडल नही बदलना चाहिए, साथ ही ट्रस्ट निर्माण को लेकर कहा कि राम जन्मभूमि न्यास को लेकर ही भारत के बुद्धिजीवियों, संतो के साथ ट्रस्ट बनाया जाए।

वहीं विश्व हिंदू परिषद प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि पहले भी कंबोडिया मॉडल तैयार किया गया था यह विवाद का विषय बना अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर न्यास के द्वारा तरासी का कार्य किया जा रहा है। जो कि 30 वर्षो से चल रहा है आज जिस मॉडल को जन-जन ने पूजा जिसे ब्रम्हर्षि देवराहा बाबा सहित लाखों संतों ने आशीर्वाद दिया हो.

जिस माडल के अनरूप सैकड़ों कारीगरों ने परिजनों से दूर रहकर धूप गर्मी बारिश और ठंडक मे इन पत्थरों पर नक्काशी की आज उस मॉडल को नकारा नहीं जा सकता। रामालय ट्रस्ट समाज को भ्रमित करने का कार्य कर रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। अयोध्या के संत धर्माचार्यों ने पूर्ण रूप से इस मॉडल पर मोहर लगाई है। आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद इस प्रकार की तमाम ट्रस्ट सामने आ रहे हैं।

प्रमुख सचिव नगर निकाय मनोज कुमार सिंह ने किया पीलीभीत का दौरा, कार्यशाला का आयोजन

यह लोग सिर्फ राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इन लोगों का मंदिर निर्माण से कोई संबंध नहीं है। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर कोई संगठन या ट्रस्ट नहीं बल्कि समाज द्वारा बनाया जाना है जिसके लिए पहले से ही समाज ने मंदिर निर्माण को लेकर अपना योगदान दे रखा है।

उन्हो ने कहा अयोध्या पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सत्य पर मोहर लगा दी है। राम जन्मभूमि को सोने से बनाने वालों के लिए काशी भी है।अयोध्या मे यहां शिलाओं से ही निर्माण होने दीजिए।

LIVE TV